लोकसभा चुनाव 2024: उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट पर एनडीए, I.N.D.I. गठबंधन और बीएसपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां से बीजेपी ने अपनी मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य की जगह दुर्विजय सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है, जिनका मुकाबला शिवपाल यादव के बेटे और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आदित्य यादव के साथ है। वहीं बीएसपी ने भी मुस्लिम खान को अपना प्रत्याशी बनाकर इस सीट पर मुकाबला कड़ा कर दिया है। बता दें कि बदायूं लोकसभा सीट पर 7 मई को तीसरे चरण के तहत मतदान होगा। वहीं वोटों की गिनती 4 जून को होगी।
भाजपा ने संघमित्रा मौर्य का काटा टिकट
बदायूं लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो इस सीट पर पिछली बार भाजपा की ही प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य ने जीत दर्ज की थी। हालांकि इस बार के चुनाव में भाजपा ने मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर दुर्विजय सिंह शाक्य पर भरोसा जताया है। संघमित्रा मौर्य ने 2019 के आम चुनाव में इस सीट पर सपा के दो बार के सांसद धर्मेंद्र यादव को हराया था। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी के वागीश पाठक को हराया था।
सपा को दो बार बदलना पड़ा प्रत्याशी
वहीं समाजवादी पार्टी की बात करें तो 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव को मैदान में उतारा है, जिनका नाम इस सीट पर तीसरे प्रतिस्थापन के रूप में सामने आया। अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने 14 अप्रैल को शिवपाल यादव को हटाकर उनके बेटे आदित्य को बदायूं लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था। 14 अप्रैल को जारी उम्मीदवारों की "संशोधित" सूची में, पार्टी ने दो सीटों-बदायूं और सुल्तानपुर पर नामों की घोषणा की। बता दें कि समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले इस सीट से धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा था। बाद में एक अन्य सूची में पार्टी ने धर्मेंद्र यादव की जगह शिवपाल यादव को बदायूं से प्रत्याशी बनाया। इसके बाद एक अन्य लिस्ट जारी कर शिवपाल यादव की जगह बदायूं सीट से उनके बेटे आदित्य यादव को टिकट दिया गया।
बसपा ने खेला मुस्लिम कार्ड
वहीं इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। मायावती ने एनडीए और इंडी गठबंधन से पहले ही किनारा कर लिया है। वहीं अब बदायूं सीट पर बसपा उम्मीदवार की बात करें तो यहां पार्टी ने मुस्लिम खान को अपनी उम्मीदवार घोषित किया है। मुस्लिम खान को प्रत्याशी के रूप में घोषित करने के बाद यहां पर सपा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। माना जाता है कि बदायूं सीट पर M-Y फैक्टर ज्यादा कारगार है। ऐसे में बसपा के द्वारा घोषित मुस्लिम खान सपा के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।
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