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Hindi News उत्तर प्रदेश Lok Sabha Elections 2024: पीलीभीत सीट पर बीजेपी लगातार 5वीं बार जीत के लिए ठोकेगी ताल, जितिन प्रसाद है पार्टी उम्मीदवार

Lok Sabha Elections 2024: पीलीभीत सीट पर बीजेपी लगातार 5वीं बार जीत के लिए ठोकेगी ताल, जितिन प्रसाद है पार्टी उम्मीदवार

Hot seats in Lok Sabha Elections 2024: पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पीलीभीत सीट पर मेनका गांधी की जगह उनके बेटे वरुण गांधी को टिकट दिया, तब सपा और बसपा के बीच चुनावी गठबंधन था।

पीलीभीत लोकसभा चुनाव- India TV Hindi पीलीभीत लोकसभा चुनाव

Lok Sabha Elections 2024: देश में चुनावी बिगुल बज चुका है। सात चरणों में लोकसभा के चुनाव संपन्न होंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर सात चरणों में ही वोटिंग होगी। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक पीलीभीत भी है। पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का इस बार टिकट काट दिया गया है। बीजेपी ने यहां से जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर जितिन प्रसाद का मुकाबला समाजवादी पार्टी (सपा) भगवत शरण गंगवार और बहुजन समाज (बसपा) के अनीश अहमद खान से होगा। 

क्या रहे पिछले चुनाव के नतीजे? 

2019 के चुनाव में बीजेपी ने पीलीभीत सीट पर मेनका गांधी की जगह उनके बेटे वरुण गांधी को टिकट दिया। चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच चुनावी गठबंधन था। यह सीट सपा के खाते में आई थी। सपा ने यहां से हेमराज वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा था। चुनाव में वरुण गांधी ने बड़ी जीत दर्ज की थी। वरुण गांधी को 704,549 वोट मिले, तो हेमराज के खाते में 448,922 वोट आए। यहां पर वरुण गांधी के नाम पर एक निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में उतरे, जिन्हें 4,483 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे। चुनाव में वरुण गांधी ने 255,627 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।

जितिन प्रसार का सियासी सफर

जितिन प्रसाद ने कांग्रेस के टिकट पर 2004 के लोकसभा चुनाव में शाहजहांपुर से जीत हासिल की थी। 2009 के चुनाव में वह धौरहरा सीट से सांसद बने। इस दौरान वह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री रहे। कुछ साल पहले जितिन ने बीजेपी का दामन थाम लिया और मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं।

सपा के भगवत शरण गंगवार

सपा सरकार में लघु उद्योग और निर्यात प्रोत्साहन राज्य मंत्री रहे भगवत शरण नवाबगंज से पांच बार विधायक रहे हैं। 2003 में सपा सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं। गंगवार ने आखिरी चुनाव 2012 में जीता था। उसके बाद 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 1991 और 1993 के दो चुनाव उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जीते। बाद में वो सपा में आए और फिर 2002, 2007 और 2012 में लगातार तीन बार सपा के टिकट पर विधायक चुने गए। 

बसपा के अनीस अहमद खान

अनीस अहमद खान बीसलपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं। बसपा सरकार में मंत्री भी रहे। अनीस अहमद खान, फूलबाबू के नाम से भी जाने जता हैं। वे 2009 और 2014 में बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों बार वह तीसरे नंबर पर रहे थे।

पीलीभीत सीट का संसदीय इतिहास

पीलीभीत लोकसभा सीट पर 1990 के बाद से बीजेपी का ज्यादातर कब्जा रहा है। 1952 के चुनाव में यहां से कांग्रेस ने जीत से शुरुआत की थी, लेकिन वह अब तक महज 4 बार ही चुनाव में जीत सकी है। इसके बाद प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर मोहन स्वरूप ने जीत की हैट्रिक लगाई। फिर वह कांग्रेस के टिकट पर 1971 का चुनाव लड़े और जीत हासिल की। 1977 में हुए चुनाव में पीलीभीत सीट पर खास परिणाम देखने को मिला था। इस चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर नवाब शमशुल हसन खान को जीत मिली थी.।1980 में हरीश कुमार गंगवार तो 1984 में कांग्रेस के भानुप्रताप सिंह सांसद बनने में कामयाब रहे थे, लेकिन 1989 के चुनाव के बाद में पीलीभीत सीट का इतिहास बदल गया। 1989 में मेनका गांधी जनता दल के टिकट पर सांसद बनी थीं। 1991 में बीजेपी के परशुराम गंगवार सांसद बने और पार्टी का खाता खुला। फिर 1996 में जनता दल के टिकट पर मेनका गांधी फिर से सांसद चुनी गईं। 1998 और 1999 में वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनी गईं। 

बाद में वह बीजेपी में आ गईं और 2004 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतीं, लेकिन वरुण गांधी के राजनीति में कदम रखने के बाद उन्होंने पीलीभीत सीट बेटे के लिए छोड़ दी। 2009 में वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद बने तो मेनका गांधी आंवला सीट से सांसद चुनी गईं। 2014 में बीजेपी ने वरुण को सुल्तानपुर से तो मेनका गांधी को पीलीभीत से चुनावी मैदान में उतारा। मां-बेटे दोनों ही जीतने में सफल रहे, लेकिन 2019 में फिर से दोनों की सीट बदल दी गई। 2019 में बीजेपी ने वरुण गांधी को पीलीभीत से तो मेनका गांधी को सुल्तानपुर से प्रत्याशी बनाया। हालांकि, इस बार 2024 के चुनाव में बीजेपी ने वरुण गांधी को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया है, लेकिन मेनका गांधी सुल्तानपुर से ही चुनावी मैदान में हैं।