Lok Sabha Elections 2024: UP में खुद को मजबूत करने में जुटी कांग्रेस, अपनी पार्टी के नेताओं को छोड़ दलबदलुओं पर जताया भरोसा
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपने नेताओं के बजाय दलबदलुओं पर अधिक भरोसा कर रही है। चुनाव में पार्टी ने दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट दिया है।
लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। पहले फेज के चुनाव में महज चंद घंटे बचे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार सहित देशभर में सात चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। लोकसभा चुनाव में यूपी में खुद को फिर से खड़ी करने में जुटी कांग्रेस दलबदलुओं पर अधिक भरोसा कर रही है। चुनाव में पार्टी ने अपनी पार्टी के नेताओं के बजाय दूसरे दलों से आए नेताओं पर विश्वास अधिक जताया है।
दल बदलने में मसूद का रिकॉर्ड
दल बदलने में एक तरह का रिकॉर्ड बनाने वाले इमरान मसूद को पार्टी ने सहारनपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष मसूद 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। फिर सपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए। इस साल की शुरुआत में वह वह बसपा छोड़कर कांग्रेस में लौट आए और पार्टी ने उन्हें पश्चिमी यूपी की अहम सीट सहारनपुर से चुनाव मैदान में उतार दिया। यहां मुसलमानों की बड़ी आबादी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने वाले मसूद का मुकाबला बीजेपी के राघव लाखन पाल और बीएसपी के माजिद अली से है। इसी तरह 2007-2012 तक बहुजन समाज पार्टी की सरकार में मंत्री रहे सदल प्रसाद पिछले महीने कांग्रेस में शामिल हुए। पार्टी ने उन्हें गोरखपुर जिले में स्थित बांसगांव (सुरक्षित) लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना दिया।
कांग्रेस के खाते में गोरखपुर मंडल की तीन सीटें
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर प्रदेश में चुनाव लड़ रही कांग्रेस के खाते में गोरखपुर मंडल की पांच में से तीन सीटें आईं हैं, लेकिन पार्टी को ऐसे दमदार नेताओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकें। भाजपा पहले ही महाराजगंज, कुशीनगर, बांसगांव और गोरखपुर में अपने वर्तमान सांसदों को फिर से उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर चुकी है।
इलाहाबाद से उज्जवल रमण सिंह को टिकट
कभी कांग्रेस की घर की सीट मानी जाने वाली इलाहाबाद सीट पर पार्टी ने समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में आए उज्जवल रमण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। सपा सरकार में मंत्री रहे रेवती रमण सिंह के बेटे उज्जवल रमण सिंह टिकट की घोषणा से दो दिन पहले सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। पार्टी ने यहां से अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह के दावे को नजरअंदाज कर दिया। इसी प्रकार प्रदेश में कई और सीटों पर भी पार्टी ने दूसरे दलों से आए नेताओं पर भरोसा जताया है। (IANS)
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