ना इंडी, ना एनडीए... मायावती के साथ नए गठबंधन की तैयारी में अपना दल कमेरावादी
लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में नया गठबंधन हो सकता है। सूत्रों की मानें तो अपना दल कमेरावादी इंडिया गठबंधन से अलग होकर बसपा के साथ नए एलायंस की कवायत में है।
लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक अपना दल कमेरावादी इंडिया गठबंधन से अलग होकर अब मायावती के साथ जाने की तैयारी में है। पल्लवी पटेल के करीबियों का कहना है कि यूपी में अब नया पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठबंधन होने जा रहा है और ये नया पीडीए गठबंधन ही एनडीए को हराएगा। बता दें कि बुधवार को पार्टी ने इंडिया गठबन्धन के साथ मिलकर मिर्जापुर, फूलपुर और कौशाम्बी से चुनाव लड़ने का जो एलान किया था, आज ही अपना दल कमेरावादी ने घोषित इन सीटों की सूची वापस ली है।
नये गठबंधन की कोशिश में पार्टी
गौरतलब है कि बुधवार को अपना दल कमेरावादी के तीन सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान के कुछ ही देर बाद अखिलेश यादव ने भी लोकसभा उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर मिर्जापुर से समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार उतार दिया था। अखिलेश यादव ने ये भी साफ कर दिया था कि अपना दल कमेरावादी से उनका समझौता 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए था, 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नहीं। अपना दल कमेरावादी का कहना है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के रुख़ से साफ़ है कि वो कुर्मियों को धोखा दे रहे हैं। इसलिए पार्टी नये गठबंधन की कोशिश में है, जिससे एनडीए को हराया जा सके। पल्लवी पटेल के करीबियों ने बताया कि यूपी में अब नया पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठबंधन होने जा रहा है।
राज्यसभा चुनाव के वक्त अखिलेश से हुई थी खटपट
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से पल्लवी पटेल और अखिलेश यादव के बीच रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं। फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को लेकर पल्लवी ने अपनी नाराजगी जताई थी। अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनाव के लिए जया बच्चन, आलोज रंजन और रामजी लाल सुमन को अपना उम्मीदवार बनाया था।
तब पल्लवी पटेल ने कहा था कि अखिलेश यादव बात तो पीडीए की करते हैं और जब राज्यसभा चुनाव की बारी आती है तो रंजन बच्चन को टिकट दे दिया जाता है। राज्यसभा चुनाव के दौरान पल्लवी पटेल ने एलान कर दिया था कि वो किसी रंजन बच्चन को वोट नही देंगी। राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के दिन भी अखिलेश यादव और पल्लवी पटेल के बीच गहमागहमी की खबरे आई थीं।
सपा से विधायक हैं पल्लवी पटेल
बता दें कि अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की मृत्यु के बाद अपना दल में दो फाड़ हो गए थे। सोनेलाल पटेल की एक बेटी अनुप्रिया पटेल ने अपना दल (सोनेलाल) बना लिया और सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष बन गईं। अनुप्रिया पटेल एनडीए के साथ हैं और केंद्र में मंत्री हैं। वहीं कृष्णा पटेल की दूसरी बेटी पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2022 का विधानसभा चुनाव जीती हैं। पल्लवी पटेल ने इस चुनाव में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू से हराया था।
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