लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट पर गजब का ट्विस्ट आ गया है। पार्टी ने पहले इस सीट से मौजूदा सांसद एसटी हसन का टिकट काटकर पूर्व विधायक रुचि वीरा को टिकट दिया था। एसटी हसन का टिकट कटने के बाद समर्थक उग्र हो गए और मुरादाबाद में पार्टी ही दो गुटों में बंट गई। यहां तक कि एसटी हसन के समर्थकों ने रुचि वीरा का पुतला तक फूंक दिया। भारी विरोध को देखते हुए अंतत: सपा हाईकमान के झुकने और मुरादाबाद सीट से एसटी हसन के नाम का ऐलान करने की बात सामने आई लेकिन बाद में रुचि वीरा ने कहा कि उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया है।
एसटी हसन ने कर दिया था नामांकन
बता दें कि एसटी हसन ने मंगलवार को अपना नामांकन भी कर दिया था, लेकिन रात को खबर आई कि उनका टिकट काटकर रुचि वीरा को टिकट दे दिया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं, रुचि वीरा को फॉर्म B भी दे दिया गया था। हालांकि बाद में खबर आई कि अखिलेश ने रुचि वीरा से फोन पर बात की और उनसे नामांकन दाखिल नहीं करने को कहा है, लेकिन रुचि वीरा ने कहा कि उन्हें किसी का फोन नहीं आया और वही सपा की प्रत्याशी हैं। रुचि वीरा ने तो यहां तक कह दिया कि नाम वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि एसटी हसन मेरे प्रतिद्वंदी नहीं, मेरे भाई हैं।
यूपी में विपक्ष के बीच यूं हुआ है सीटों का बंटवारा
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 17 सीट कांग्रेस के हिस्से में हैं, जबकि एक सीट (भदोही) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को दी गई है। सपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (BSP) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और राज्य की 5 सीट पर जीत दर्ज की थी जबकि 10 सीट BSP के खाते में गई थी और RLD अपना खाता नहीं खोल पाई थी। BSP इस बार अकेले चुनाव लड़ रही है जबकि RLD अब बीजेपी के नेतृत्व में NDA के घटक दल के रूप में चुनाव मैदान में है।