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Hindi News उत्तर प्रदेश पुलिस से भागते वक्त शख्स की हुई मौत, परिजनों का आरोप- हिरासत में गई जान, अखिलेश यादव ने शेयर किया वीडियो

पुलिस से भागते वक्त शख्स की हुई मौत, परिजनों का आरोप- हिरासत में गई जान, अखिलेश यादव ने शेयर किया वीडियो

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पुलिस से भाग रहे एक शख्स की मौत हो गई है। वहीं परिजनों का आरोप है कि उनके रिश्तेदार की मौत पुलिस हिरासत में हुई है। परिजनों ने इस मामले में कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

Lakhimpur man died while running away from the police family alleges he died in custody Akhilesh Yad- India TV Hindi Image Source : X/AKHILESH YADAV पुलिस से भागते वक्त शख्स की हुई मौत

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पुलिस छापेमारी के बाद मारे गए एक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों ने कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि उनके रिश्तेदार की मौत पुलिस हिरासत में हुई है। पुलिस ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि मारा गया शख्स गैंगस्टर अधिनियम के तहत आरोपी था और सोमवार रात छापेमारी के दौरान पुलिस से भागते समय उसकी मौत हो गई। एक पुलिस उपाधीक्षक द्वारा मृतक के परिवार के सदस्यों से बात करने का एक कथित वीडियो ऑनलाइन सामने आया है। वीडियो में लखीमपुर के डीएसपी पीपी सिंह यह कहते सुने जा सकते हैं कि इस घटना को लेकर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

पुलिस उपाधीक्षक का वीडियो वायरल

वीडियो में लखीमपुर के पुलिस उपाधीक्षक पीड़ित परिवार से यह कहते दिख रहे हैं, ‘‘ना तो निघासन थाना के एसएचओ (थाना प्रभारी) को निलंबित किया जाएगा और ना ही आपको 30 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा। जो चाहे करो, लाश चाहे जितने दिन रखो।’’ इस घटना का वीडियो समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी साझा किया है। मृतक के परिजनों के मुताबिक, रामचंद्र (35) को ‘‘सोमवार की रात अवैध शराब बनाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था लेकिन पुलिस हिरासत में उसकी तबियत बिगड़ गई और उसे एक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।’’ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को साझा करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘‘निर्दयी पार्टी’’ करार दिया। 

पुलिस पर लगा हत्या का आरोप

रामचंद्र के परिजनों एवं स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस पर रामचंद्र की हत्या करने का आरोप लगाया। उन्होंने इस मामले की जांच किए जाने और 30 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक मृतक के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। परिजनों का यह भी आरोप है कि पुलिस उनकी सहमति के बगैर शव को पोस्टमार्टम के लिए जबरदस्ती लेकर गई। इन आरोपों पर जवाब देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक पवन गौतम ने दावा किया कि रामचंद्र गैंगस्टर कानून के तहत आरोपी था और दबिश के दौरान भागने के दौरान उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि वह पुलिस हिरासत में नहीं मरा। उन्होंने पोस्टमार्टम के बारे में कहा कि चिकित्सकों के एक पैनल ने पोस्टमार्टम किया और इसकी वीडियो रिकार्डिंग भी कराई गई। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, मृत्यु का कारण सदमा लगना था और विसरा सुरक्षित रखा गया है। 

(इनपुट- भाषा)