लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) से जल्द ही सभी पुरुष कर्मचारी विदा हो जाएंगे और उनकी जगह महिला कर्मचारी लेंगी। राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि यूपी के सभी 75 जिलों में केजीबीवी में काम करने वाले सभी मौजूदा पुरुष कर्मचारियों के अनुबंधों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि यूपी के स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने इस मामले में 25 अप्रैल को एक पत्र जारी कर सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया था कि वे अपने जिलों में इन स्कूलों के पुरुष कर्मचारियों की सेवाओं का नवीनीकरण न करें। ये बात टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ दोनों के लिए कही गई है।
अधिकारियों के मुताबिक, इन आवासीय स्कूलों में 6वीं से 8वीं तक छात्राएं पढ़ती हैं और उनकी सुरक्षा को देखते हुए ये कदम उठाया गया है। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि पुरुष कर्मचारियों के स्कूल से जाने के बाद जो रिक्त पद हैं, उन पर महिला कर्मचारियों की भर्ती की जाए।
पुरुष कर्मचारियों में रोष, अब केवल सरकार से उम्मीद
राज्य के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के पुरुष कर्मचारियों में इस फैसले से रोष है। राज्य के इन स्कूलों में हजारों की संख्या में पुरुष कर्मचारी अलग-अलग पदों पर काम करते हैं। कुछ टीचर्स हैं और कुछ अकाउंट और अन्य विभागों में हैं। ऐसे में अगर उनके अनुबंध का नवीनीकरण नहीं होगा तो वह सड़क पर आ जाएंगे और उनके सामने अपने घर का खर्च चलाना भी एक बड़ी चुनौती होगी।
संविदा पर काम कर रहे पुरुष कर्मचारियों का कहना है कि वह कई सालों से स्कूल को सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में अगर अचानक उन्हें निकाला जाता है तो वह रोजगार के लिए कहां भटकेंगे? या तो सरकार इसका कोई समाधान निकाले या फिर इस आदेश को वापस ले। इस आदेश के खिलाफ पुरुष कर्मचारी लगातार अपना विरोध जता रहे हैं। अब देखना ये होगा कि सरकार इस पर क्या फैसला लेती है।
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