क्या 'नारायण हरि' खुद कहता था चरणों की रज लेने की बात? पीड़ित परिवारों ने बताई आप बीती
हाथरस में सत्संग के बाद हुए हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई। राहुल गांधी भी आज पीड़ित परिवारों से मिलने अलीगढ़ और हाथरस पहुंचे। इस बीच इंडिया टीवी की टीम ने भी पीड़ित परिवारों से बात की। आइये जानते हैं पीड़ित परिवारों ने क्या कहा।
अलीगढ़: बीते मंगलवार को हाथरस में एक सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के बाद 121 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद यूपी सरकार ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान किया। साथ ही मामले की जांच के निर्देश भी दिए गए। वहीं हादसे के बाद आज कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी खुद हाथरस पहुंचे। हाथरस जाते समय वह अलीगढ़ के पिलखना में भी रुके। दोनों जगहों पर उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने मदद का आश्वासन भी दिया। वहीं इंडिया टीवी की टीम ने भी पीड़ितों से बात की और हादसे के बारे में जानकारी ली।
बाबा निकल गए फिर भीड़ में भगदड़ मची
इंडिया टीवी की टीम ने हादसे में मृत शांति देवी के बेटे जितेंद्र और लड़की गुड़िया से बात की। उन्होंने कहा, 'बाबा कहता था मेरी पूजा करो, हरि नारायण से ही श्रष्टि है बस मेरा ध्यान करो, मैं ही सब हूं। हालांकि चरणों की धूल लेने को बाबा ने कभी नहीं कहा। उनके चेले और सेवादार ऐसा कहते थे कि उनके चरणों की धूल, वहां का पानी पीने से सब दुख दूर हो जाएंगे। हमने सब किया, हमारा कोई दुख दूर नहीं हुआ। गांव में दूसरों को देखकर हम जुड़ गए। इनके लोग कहते थे कि बाबा के माथे पर चांद हैं। वो भगवान हैं, उनके ऊपर सितारे हैं। ये लोग अंधविश्वास फैलाते थे। डीएम से 80 हजार की परमिशन थी, फोर्स क्यों नहीं लगाई गई। पुलिस के दो-चार लोग खड़े थे, बाबा निकल गए फिर भीड़ में भगदड़ मची।'
बाबा को भी हो फांसी
इंडिया टीवी की टीम ने हादसे में मृत मंजू देवी के पति से भी बात की। बता दें कि राहुल गांधी ने आज पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। जब मंजू देवी के पति छोटे लाल पूछा गया कि वह बाबा के संपर्क में कैसे आए और ऐसा क्या चमत्कार देखा जो बाबा को मानने लगे। इसके अलावा बाबा के पैरों की धूल लेने की बात पर भी छोटे लाल से सवाल किया गया। इस पर छोटे लाल ने कहा, 'बाबा ने ऐसा कभी नहीं कहा। पुलिस की लापरवाही थी, फोर्स नहीं थी।' वहीं बाबा पर कार्रवाई को लेकर छोटे लाल ने कहा, 'सीबीआई और पुलिस जांच करे, आरोप सामने आए तो बाबा को भी फांसी हो।'
कूड़ेदान में जाएगा बाबा की पूजा का सामान
इसके अलावा अलीगढ से प्रेम देवी के बेटों से बात की गई। उन्होंने कहा, 'मेरी मां को आस्था थी, लेकिन हम लोग नहीं जाते थे। बाबा के यहां लॉकेट 10 रुपए में, किताब 50 रूपए, पूजा पे रखने वाला दफ्ती वाला स्टीकर 70 रुपए, 80 रूपए और 100 रुपए में मिलता था। कोई फायदा नहीं हुआ। मेरी बेटी को दिक्कत थी। कई बार ले के गया लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। बाबा पाखंडी है, उसे उम्रकैद होनी चाहिए। जब बाबा को पता लगा कि हादसा हो गया तो फिर वापस क्यों नहीं आया। उसके सेवादार बताते थे बाबा से बात करनी है तो 50 लाख रूपए लगेंगे। ऐसे कोई नहीं मिल सकता था। अब ये लॉकेट, पूजा का सामान सब कूड़ेदान में जाएगा। यही ठीक जगह है उसके लिए।'
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