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Hindi News उत्तर प्रदेश कैलाश मानसरोवर यात्रा पर IAS डॉ. हरिओम की किताब को मिला अवॉर्ड, यूपी के मुख्य सचिव रहे शामिल

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर IAS डॉ. हरिओम की किताब को मिला अवॉर्ड, यूपी के मुख्य सचिव रहे शामिल

डॉ. हरिओम की किताब को राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान (उत्तर प्रदेश) द्वारा आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस कार्यक्रम में सम्मान के रूप में उन्हें 1 लाख रुपये की राशि भी दी गई।

IAS officer's book on Kailash Mansarovar Yatra got awarded by UP Chief Secretary was included- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कैलाश मानसरोवर यात्रा पर IAS डॉ. हरिओम की किताब को मिला अवॉर्ड

IAS शब्द सुनते ही आपके दिमाग में एक रसूखदार अधिकारी की तस्वीर आती होगी। जो जिला संभालता होगा और लॉ एंड ऑर्डर का पालन सबसे करवाता होगा। हम आज जिस आईएएस अधिकारी के बारे में आपको बताने वाले हैं वे आईएएस वाले सारे काम तो करते ही हैं। साथ ही उन्होंने एक किताब लिखी है भगवान शिव के निवास स्थल माने जाने वाले कैलाश मानसरोवर के बारे में। मशहूर लेखक, गजल गायक और नामी आईएएस अधिकारी डॉ. हरिओम की किताब का नाम है 'कैलाश मानसरोवर यात्रा: आस्था के वैचारिक आयाम'।

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किताब को मिला आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान

डॉ. हरिओम की किताब को राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान (उत्तर प्रदेश) द्वारा आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस कार्यक्रम में सम्मान के रूप में उन्हें 1 लाख रुपये की राशि भी दी गई। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र भी मौजूद रहे। डॉ. हरिओम ने इस किताब को बतौर यात्री लिखा। इस किताब के जरिए वे तीर्थों के क्षेत्र में फैले व्यवसाय और कुव्यवस्था को भी उजागर करने का काम करते हैं। 

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रोमांचक होगी किताब की यह यात्रा

गौरतलब है कि कैलाश मानसरोवर तिब्बत में स्थित है। हालांकि चीन ने एक समय तिब्बत पर कब्जा कर लिया था। कैलाश मानसरोवर सनातन संस्कृति से जुड़े लोगों, जैन, बौद्ध तीनों धर्मों के लिए पवित्र स्थान माना जाता है। माना जाता है कि कैलाश पर्वत मृत्युलोग और स्वर्गलोग के बीच का स्थान है जहां भगवान शिव वास करते हैं। डॉ. हरिओम की इस यात्रा पर आधारित किताब में रोमांच और रोचकता का भरपूर तालमेल देखने को मिलता है। साथ ही भारत, नेपाल, तिब्बत और चीन के बीच यह किताब निसंदेह धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, कूटनीतिक, विकास, संस्कृति इत्यादि स्तरों पर सहायक सिद्ध होगी।