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Hindi News उत्तर प्रदेश UP के इस गांव में नहीं होता 'होलिका दहन', भगवान शिव से है इसका कनेक्शन

UP के इस गांव में नहीं होता 'होलिका दहन', भगवान शिव से है इसका कनेक्शन

बरसी में भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह महाभारत जितना पुराना है और इस लोकप्रिय कथा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

होलिका दहन - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO होलिका दहन

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक गांव में होलिका दहन नहीं किया जाता है। बरसी गांव का मानना है कि अगर यहां होलिका दहन किया जाएगा, तो भगवान शिव के पैर जल जाएंगे, इसलिए यहां होलिका दहन नहीं किया जाता है। स्थानीय महिलाएं होली की पूर्व संध्या पर होलिका दहन करने के लिए बगल के गांव में जाती हैं। बरसी में भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह महाभारत जितना पुराना है और इस लोकप्रिय कथा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

क्या है मान्यता?

मान्यता के मुताबिक, मंदिर कौरवों और पांडवों की ओर से बनाया गया था, लेकिन कुछ असहमति की वजह से पांच पांडवों में से एक भीम ने अपनी गदा का इस्तेमाल किया और मंदिर के प्रवेश द्वार की दिशा पूर्व से पश्चिम की ओर बदल दी। इस वजह से लोगों का मानना है कि होलिका की आग जलाने से भगवान शिव के पैर जल जाएंगे।

'यह एक परंपरा है'

ग्राम प्रधान आदेश चौधरी ने कहा, "होलिका दहन के लिए सभी महिलाएं बगल के गांव तिक्रोल में जाती हैं। मुझे नहीं पता कि यह अनुष्ठान कब से शुरू हुआ, लेकिन यह काफी समय से ऐसा ही रहा है। यह एक परंपरा है और सीधे धार्मिक भावनाओं से जुड़ी है। किसी ने भी इसे बदलने की कोशिश नहीं की है। मुझे नहीं लगता कि कोई भी इसे बदलेगा।"

गौरतलब है कि मंगलवार यानी 07 मार्च को देश के कई जगहों पर होलिका दहन का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होलिका दहन के बाद देशभर में रंगों वाली होली खेली जाएगी।

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