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Hindi News उत्तर प्रदेश यूपीः चाइनीज़ लहसुन मामले में हाई कोर्ट ने हेल्पलाइन नंबर जारी करने के आदेश दिए

यूपीः चाइनीज़ लहसुन मामले में हाई कोर्ट ने हेल्पलाइन नंबर जारी करने के आदेश दिए

चीनी लहसुन फिर से भारत के बाजारों में घुस गया है और सुर्खियां बटोर रहा है। संक्रमित लहसुन की रिपोर्ट सामने आने के बाद भारत सरकार ने 2014 में चीनी लहसुन के आयात, बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था।

लहसुन - India TV Hindi Image Source : FREEPIK लहसुन

लखनऊः चाइनीज़ लहसुन मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने डीएम को हेल्पलाइन नंबर जारी करने का आदेश दिया है। ताकि जनता लहसुन को लेकर शिकायत कर दर्ज करा सके। अब सोमवार को इस मामले में फिर सुनवाई होगी। जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि लखनऊ के डीएम इस संबंध में हेल्पलाइन जारी करें। वहीं फ़ूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को पूरे यूपी में हेल्पलाइन नंबर जारी करने के आदेश दिये।

चाइनीज लहसुन की बिक्री रोकने की मांग

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चाइनीज़ लहसुन को लेकर याचिका दाखिल हुई है। याचिकाकर्ता ने चाइनीज़ लहसुन की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है। हाईकोर्ट के वकील मोतीलाल यादव  आधा किलो लहसुन लेकर कल  कोर्ट पहुंचे थे। मोतीलाल यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि चाइनीज लहसुन पर पूरे देश  मे 2014 से बैन है लेकिन इसके बावजूद यहां बाज़ार में मिल रहा है। इसकी सीबीआई जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई हो।

याचिका में लगाए गए हैं ये आरोप

याचिका में कहा गया है कि चाइनीज़ लहसुन पैदा करने में खतरनाक पेस्टीसाइड्स और केमिकल का इस्तेमाल होता है। इससे कैंसर तक हो सकता है। चीनी लहसुन को चमकाने के लिए क्लोरीन से धोया जाता है। जो हेल्थ के लिए भी नुकसानदायक है। इसके बावजूद पूरे देश मे चाइनीज़ लहसुन बिक रहा है। लखनऊ में यह बिक रहा है। हाईकोर्ट ने कल फ़ूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारी को आज कोर्ट में तलब किया था। फ़ूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने कहा कि पंद्रह दिन में लहसुन की जांच हो पायेगी कि लहसुन कैसा है।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ‘चीनी लहसुन’ के हानिकारक प्रभावों के कारण देश में इस पर प्रतिबंध है। अदालत को बताया गया कि प्रतिबंध के बावजूद, लखनऊ सहित पूरे देश में ऐसा लहसुन आसानी से उपलब्ध है। याचिकाकर्ता ने अदालती कार्यवाही के दौरान न्यायाधीशों के समक्ष लगभग आधा किलो ‘चीनी लहसुन’ के साथ-साथ सामान्य लहसुन भी पेश किया था।