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Hindi News उत्तर प्रदेश कहीं आपको भी तो नहीं मिला प्राधिकरण का ये लेटर, परेशान होने से पहले जान लें ये सच्चाई

कहीं आपको भी तो नहीं मिला प्राधिकरण का ये लेटर, परेशान होने से पहले जान लें ये सच्चाई

लखनऊ विकास प्राधिकरण के नाम की एक चिट्ठी ने लखनऊ वासियों की परेशानी और चिंताएं बढ़ा दी है। इस नोटिस में LDA द्वारा उनकी ज़मीन को अधिग्रहित करने की बात कही गई थी जिसके बाद लोग परेशान हो गए।

सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi Image Source : फाइल सांकेतिक तस्वीर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कई लोगों को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के एक नोटिस ने परेशान कर दिया। इस नोटिस में LDA द्वारा उनकी ज़मीन को अधिग्रहित करने की बात कही गई थी जिसके बाद लोग परेशान हो गए, लेकिन जब वो मामले की हकीकत जानने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण के दफ्तर पहुंचे तो पता लगा कि ऐसा क़ोई नोटिस LDA ने जारी ही नहीं किया है। जिस सम्बंधित अधिकारी का नोटिस में हस्ताक्षर है ऐसा क़ोई अधिकारी एलडीए में कार्यरत है ही नहीं।

नोटिस मिलने से लोग परेशान

एलीडए ने पुलिस को चिट्टी लिख कर मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है। वहीं लोग इस बात को लेकर हैरान और परेशान हैं कि नोटिस मिलने के तुरंत बाद कुछ लोग उनके संपर्क में आ गए थे जो ज़मीन को जल्द बिकवाने की और पैसा दिलवाने की बात कर रहे थे, जिसके बाद पीड़ित लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में भी पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद जांच में तेजी आ गई।

जमीन मालिकों कोई नोटिस नहीं भेजा-एलडीए

जब इसकी जांच कराई गई तो मामले फर्जी निकला। एलीडीए प्रसासन ने यह स्पष्ट किया कि किसान पथ और आउटर रिंग रोड के आसापास के जमीन मालिकों को किसी भी तरह का नोटिस नहीं भेजा गया है। साथ ही लोगों से यह अपील की गई है कि अगर कोई खुद को प्राधिकरण का अधिकारी या कर्मचारी बताकर किसी को कोई नोटिस भेजता है तो ऐसे लोगों से सावधान रहें और शिकायत दर्ज कराएं। 

हैरानी की बात है कि एलडीए के फर्जी नोटिस पर दस्तखत करने वाले अधिकारी का अस्तित्व फ़र्ज़ी होने के बावजूद इसके लोगों को सही पते पर डाक से नोटिस भेजी गई।  ऐसे में एलडीए के किसी कर्मचारी की मिलीभगत या किसी रैकेट की सम्भावना से भी इंकार नहीं किया जा रहा है, जिसका सच जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।