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Hindi News उत्तर प्रदेश हाथरस भगदड़: नारायण हरि संकट में हैं, वो भगवान हैं, इससे निकल जाएंगे, भक्तों की ऐसी दीवानगी!

हाथरस भगदड़: नारायण हरि संकट में हैं, वो भगवान हैं, इससे निकल जाएंगे, भक्तों की ऐसी दीवानगी!

उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को एक सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। इस दौरान 123 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में इंडिया टीवी की टीम ने बाबा के एक भक्त से बात की। बाबा के भक्त ने कहा कि बाबा भगवान है, बस अभी थोड़ी संकट में हैं।

Hathras stampede Narayan Hari is in trouble he is God he will get out of this such is the madness of- India TV Hindi Image Source : FILE PHOO नारायण हरि

उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को एक सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद यूपी सरकार ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान किया। इस मामले में प्रशासन ने जांच के निर्देश दे दिए हैं और गिरफ्तारियां शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी खुद हाथरस पहुंचे और पीड़ितों के परिवारवालों से उन्होंने मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान मदद का भी आश्वासन दिया। इस बीच अब कथावाचक नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को लेकर कई तरह के खुलासे सामने आ रहे हैं। वहीं भक्तों द्वारा भी अपना मत रखा जा रहा है।

बाबा को लेकर भक्त क्या बोले?

दरअसल बाबा के बिछुआ आश्रम से 35 किलोमीटर दूर स्थिति है गांव नगला बीच। यहां रहते हैं बाबा के भक्त हरि सिंह जो उनके भक्त और सेवादार हैं। हरि सिंह का कहना है कि बाबा में शक्ति बहुत है। मेरे परिवार में काफी लोग परेशान था, जिससे उनका मोह बाबा पर आया। बहु पे भूत आता था वो भी बाबा की कृपा से ठीक हो गई। बाबा हमेशा चमत्कार दिखाते रहते हैं। हरि सिंह ने कहा कि उसने मंच पर ही बाबा को रंग बदलते हुए देखा है। बाबा कभी काले रंग के हो जाते हैं तो कभी पीले रंग के हो जाते हैं। हरि सिंह के घर में दरवाजे पर नारायण हरि का मंत्र लिखा हुआ है। 

दूसरे भक्त ने सुनाई कहानी

साथ ही हर कमरे में साकार हरि की फोटो रखी हुई है। उनका कहना है कि बाबा फिलहाल संकट में हैं लेकिन वह भगवान हैं। इस संकट से वह निकल जाएंगे। बीते दिनों इंडिया टीवी की टीम ने हादसे में मृत शआंति देवी के बेटे जितेंध्र और लड़की गुड़िया से बात की। उन्होंने कहा, बाबा कहता था कि मेरी पूजा करो, हरि नारायण से ही श्रृष्टि है, बस मेरा ध्यान करो। मैं ही सब हूं। हालांकि चरणों की धूल लेने को बाबा ने कभी नहीं कहा। ऐसा उनके चेले और सेवादार कहते थे कि उनके चरणों की धूल, वहां के पीने के पानी से सारे दुख खत्म हो जाएंगे। जितेंद्र ने बताया कि हमने सब किया लेकिन हमारा दुख दूर नहीं हुआ।