हाथरस भगदड़ केस: बढ़ेंगी सूरजपाल की मुश्किलें, 3 आरोपी गिरफ्तार, हो रहे चौंंकाने वाले खुलासे
हाथरस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। तीनों से पूछताछ में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
Hathras stampede case: हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी में घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना का आरोपी मुख्य आयोजक और एक लाख के ईनामी मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को यूपी पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस दो अन्य आरोपियों रामप्रकाश शाक्य व संजू यादव को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस तरह अब तक हाथरस पुलिस ने कुल नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। हाथरस पुलिस के अनुसार आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि इनसे कुछ समय पहले कुछ राजनीतिक पार्टियों ने सम्पर्क किया था। ऐसे में फंड इकट्ठा करने के सम्बन्ध में गहराई से जांच की जा रही है कि कहीं इस तरह के कार्यक्रम तथा अन्य संसाधन किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा संचालित तो नहीं है।
बैंक खाते, चल-अचल सम्पत्ति, मनी ट्रेल की हो रही जांच
हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि देवप्रकाश मधुकर को शुक्रवार को देर शाम नजफगढ़ (दिल्ली) से गिरफ्तार किया गया था, जबकि सिकन्दराराऊ पुलिस ने शनिवार को रामप्रकाश शाक्य को कैलोरा चौराहा से और संजू यादव को गोपालपुर कचौरी, सिकन्द्राराऊ से गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि अभियुक्त देवप्रकाश मधुकर इस संगठन में काफी दिनों से जुड़े होने के कारण संगठन का फंड रेजर बन गया था और संगठन को संचालित करने तथा सत्संग इत्यादि कराने के लिए पैसे इकट्ठा कर रहा था।
मधुकर के पिता ने कहा-हम नहीं जानते बाबा को
अब तक की पूछताछ से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोई राजनीतिक दल अपने राजनीतिक व निजी स्वार्थ्य के लिए इनसे जुड़े हुए हैं। अभियुक्त देवप्रकाश मधुकर से जुडे हुए समस्त बैंक खाते, चल-अचल सम्पत्ति, मनी ट्रेल इत्यादि की जांच की जा रही है जिसमें आवश्यकतानुसार अन्य एजेन्सियों से भी सहयोग लिया जाएगा। वहीं मधुकर के पिता तेजप्रताप ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा है कि हम बाबा को नही मानते न जानते हैं। हम कभी नही गए बाबा के संतसंग में। देवप्रकाश मधुकर कैसे गए सत्संग में, हम नहीं जानते... ये तो वो ही जाने।
जानबूझकर भीड़ के बीच से निकाली गई प्रवचनकर्ता की गाड़ी
हाथरस पुलिस के अनुसार, पूछताछ में यह भी बात सामने आई है कि बाबा के सेवादरों ने उन्हें गाड़ी को भीड़ के बीच से निकाला गया, जबकि इनको इस तथ्य की जानकारी थी कि भीड़ से गाड़ी निकालने के समय चरणरज के लिए भगदड़ मचने से भयानक दुर्घटना हो सकती थी। इसके अतिरिक्त इस तथ्य की भी गहराई से जांच की जा रही है कि यह घटना आयोजक सेवादारों के किसी के कहने या दुष्प्रेरित करने से तो नहीं कराई गई है। पुलिस के अनुसार, आवश्यकतानुसार गिरफ्तार सेवादार, आयोजकों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ की जाएगी।
भीड़ को संभालने का नहीं किया गया कोई प्रयास
पुलिस ने बताया कि प्रारम्भिक पूछताछ पर अभियुक्त देवप्रकाश मधुकर ने बताया है कि वह जनपद एटा में वर्ष 2010 से मनरेगा में जूनियर इंजीनियर के पद पर संविदा पर कार्यरत है। वह इस संगठन से वर्षों से जुड़ा है और इस संगठन के कार्यक्रम आयोजित कराना तथा संगठन के लिए फंड इकट्ठा करने का काम करता है। वह 2 जुलाई को ग्राम फुलरई में आयोजित सत्संग के कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था तथा इस कार्यक्रम की अनुमति उसी के द्वारा ली गई थी। अभियुक्त देवप्रकाश एवं अन्य सेवादारों के द्वारा पुलिस प्रशासन को कार्यक्रम स्थल के अन्दर किसी भी तरह के हस्तक्षेप से रोका गया था।
कार्यक्रम स्थल पर किसी भी व्यक्ति को वीडियोग्राफी अथवा फोटोग्राफी करने से रोका जाता था। प्रशासन द्वारा निर्गत अनुमति पत्र में वर्णित अनेक शर्तों का उल्लंघन करते हुए यातायात व्यवस्था इत्यादि को प्रभावित किया गया। पूछताछ से यह भी स्पष्ट हुआ है कि इनके द्वारा भीड़ को सम्भालने का कोई प्रयास नही किया गया तथा सभी मौके से फरार हो गए।
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