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Hindi News उत्तर प्रदेश हाथरस भगदड़ः सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का मिल गया सुराग, वकील ने बताया कहां पर हैं

हाथरस भगदड़ः सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का मिल गया सुराग, वकील ने बताया कहां पर हैं

सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण हरि बाबा के वकील एपी सिंह ने दावा किया है कि बाबा कहीं फरार नहीं हैं और वे इस समय कासगंज के आश्रम में हैं।

सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा - India TV Hindi Image Source : FILE सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा

कासगंजः उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत के बाद कथित तौर पर फरार चल रहे सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का सुराग मिल गया है। बाबा के वकील एपी सिंह के मुताबिक बाबा अपने पैतृक गांव कासगंज के पटियाली के पास बहादुर नगर के आश्रम में आज गए हैं। साथ में उनके वकील भी हैं। फिलहाल यही रहेंगे।

पुलिस के संपर्क में हैं सूरजपाल उर्फ भोले बाबा

एपी सिंह के मुताबिक बाबा फरार नहीं हैं। वह अपने वकीलों के जरिए पुलिस प्रसाशन के संपर्क में हैं। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा जांच में सहयोग कर रहे हैं। बाबा न कभी एयरपोर्ट देखे जाएंगे न वो नेपाल गए हैं। एपी सिंह के मुताबिक बहादुरनगर के आश्रम में वहां के लोगो की इच्छा थी बाबा यहां आएं। इसलिए बाबा आज आश्रम गए हैं। हालांकि किसी तरह की कोई सत्संग जनसभा नहीं होगी। न ही फिलहाल बाबा मीडिया से कोई बात करेंगे।

पुलिस 9 लोगों को कर चुकी है गिरफ्तार

इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मधुकर दो जुलाई को फुलराई गांव में स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के सत्संग का मुख्य आयोजक और चंदा जुटाने वाला था। स्थानीय सिकंदराराऊ थाने में दो जुलाई को दर्ज प्राथमिकी में स्वयंभू बाबा का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज नहीं किया गया।

भगदड़ में 121 लोगों की चली गई थी जान

 बता दें कि हाथरस जिले में दो जुलाई को हुए एक धार्मिक समागम में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए थे। हाथरस जिले के फुलरई गांव में बाबा नारायण हरि, जिन्हें साकार विश्वहरि और भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ में 2.5 लाख से अधिक भक्त एकत्र हुए थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें उन पर सबूत छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। इस कार्यक्रम के लिए केवल 80,000 लोगों के लिए ही अनुमति दी गई थी।