समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी के मामले पर प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बयान देते हुए कहा कि हम सब संविधान से बंधे हैं। संविधान हमें अधिकार देता है। सरकार चालाकी करती है। क्या हम किसी का अधिकार छीन सकते हैं। उन्होंने कहा कि अदेश का मतलब यह तो नहीं कि हमारे अधिकार छीन लिए जाएंगे। संविधान हमें अपनी बात रखने का अधिकार देता है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में अदालत न्याय करेगी। दरअसल मीडियाकर्मियों द्वारा वजूखाने के दरवाजे को खोलने को लेकर सवाल किया गया था। इसके बाद अखिलेश यादव ने यह बयान दिया।
ज्ञानवापी पर क्या बोले अखिलेश यादव?
अखिलेश ने आगे कहा कि हम सब संविधान से बंधे हुए लोग हैं। सरकार चालबाजियां करती है और कभी चतुराई से काम करती है। क्या हम किसी के अधिकारों को छीन लेंगे। अगर न्यायालय को फैसला देता है तो क्या हमारे अधिकार छीन लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैंने न्यायालय पर सवाल नहीं उठाया। सवाल है सरकार की चतुराई का। क्या किसी को अगले कदम लेने पर रोका जाएगा। अगर वह किसी और न्यायालय के सामने अपनी बात रखना चाहेगा तो नहीं रखेगा। जो लोग सत्ता में बैठे हैं वो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान के तहत काम नहीं कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने किया था विपक्ष पर हमला
उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जो संविधान है, उसके तहत भारत के नागरिकों को, आम नागरिकों को सरकार में बैठे लोग हक और अधिकार नहीं देना चाहते। बता दें कि इससे पहले बीते दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में राम मंदिर, ज्ञानवापी और मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनने से हर सनातनी खुश है। मुसलमानों के पूर्वज भी तो सनातनी थे। लेकिन विपक्ष ने सदी की सबसे बड़ी घटना पर कुछ नहीं बोला और सिर्फ इधर-उधर भटकाने का काम किया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर पहले ही बन जाना चाहिए था।