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Hindi News उत्तर प्रदेश ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पिलाई 71 लाख की चाय, RTI के जवाब में मिला खर्चे का हिसाब

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पिलाई 71 लाख की चाय, RTI के जवाब में मिला खर्चे का हिसाब

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आरटीआई का जवाब देते हुए कहा है कि किसानों और अधिकारियों को उन्होंने लगभग 71 लाख रुपये की चाय और नाश्ता दी है।

Greater Noida Authority said in response to RTI we gave tea worth 71 lakhs to farmers- India TV Hindi Image Source : INDIA TV ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पिलाई 71 लाख की चाय

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पिछले ढाई साल में अधिकारियों व किसानों संग हुई बैठक में चाय नाश्ते पर कितना खर्च किया है उसका विवरण दिया है। आपको यकीन नहीं होगा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कितने रुपये की चाय पिलाई है। प्राधिकरण द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण ने पिछले ढाई साल में क्षेत्र के किसानों को 70 लाख रुपये से अधिक की चाय पिलाई है। इस दाम में किसानों को चाय व नाश्ता दिया गया है जिसका खुलासा एक आरटीआई के बाद हुआ है। आरटीआई दायर करने वाले शख्स का नाम सागर खारी है जो पेशे से किसान हैं और ग्रेटरन नोएडा के तिलपता करनवास गांव के रहने वाले हैं। 

प्राधिकरण ने पिलाई 71 लाख की चाय

सागर ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सूचना के अधिकार कानून के तहत आरटीआई एप्लीकेशन दायर करते हुए सवाल किया था। उन्होंने इस कानून के तहत अथॉरिटी के मुख्य कार्यालय में साल 2021 से लेकर जून 2022 तक बिजली बिल, बिजली की खपत का महीने के हिसाब से ब्यौरा मांगा था। यही नहीं सागर ने अपने आरटीआई में साल 2020 से जून 2022 के बीच प्राधिकरण में चाय नाश्ते पर हुए खर्च का भी विवरण मांगा था। इस आरटीआई को 13 जुलाई 2023 को लगाया गया था। इसके जवबा में प्राधिकरण ने चाय नाश्ते के खर्चे का भी विवरण शेयर किया। 

आरटीआई जवाब में हुआ खुलासा

प्राधिकरण ने बताया कि लगभग 71 लाख रुपये तक के चाय नाश्ते का प्रबंध इस समयावधि के दौरान किया गया। प्राधिकरण ने बताया कि इस अवधि में किसानों के मुद्दे सुलझाने के लिए लगातार बैठकें की गई थी। इसके अलावा कुछ बैठकें शासकीय तो कुछ समीक्षा बैठकें भी थीं। इन सभी के लिए चाय नाश्ते पर लगभग 71 लाख रुपये खर्च हुए। प्राधिकरण ने बताया कि जनवरी 2022 में सबसे ज्यादा पैसा चाय नाश्ते पर खर्च किया गया था। इस एक महीने में चाय नाश्ते पर कुल 3,84,000 रुपये खर्च किए गए थे। बता दें कि प्राधिकरण द्वारा मिले जवाब की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।