उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस पटरी से उतर गई जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और करीब 30 अन्य घायल हो गए। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, गोंडा के पास ट्रेन के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए थे। ट्रेन हादसे के बाद लोको पायलट ने दावा किया था कि उसने पहले किसी धमाके की आवाज सुनी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने हादसे वाली जगह पर जांच की है। आइए जानते हैं कि पुलिस जांच में क्या बात सामने आई है।
पुलिस ने क्या पाया?
गोंडा में हुए ट्रेन एक्सीडेंट वाली जगह पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने जांच की है। हालांकि, लोको पायलट के दावे के विपरित पुलिस को मौके पर कोई ब्लास्ट जैसी चीज नहीं मिली है, न ही यहां अब तक कोई गडबड़ी जैसी स्थिति पाई गई है। बता दें कि ये जानकारी उत्तर प्रदेश पुलिस के टॉप सोर्स सूत्रों ने दी है।
बचाव अभियान पूरा
रेलवे ने बताया है कि हादसे वाली जगह पर बचाव अभियान पूरा हो गया है। 600 यात्रियों को लेकर विशेष ट्रेन रात आठ बजकर 50 मिनट पर मनकापुर से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुई। इससे पहले उन्हें बस से मनकापुर लाया गया और उन्हें चाय, पानी दिया गया।
शुरुआती जांच में क्या पता लगा?
चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे पटरी से क्यों उतरे इसकी शुरुआती वजह सामने आ गई है। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे ट्रैक के आस-पास बाढ़ का पानी भरा हुआ था। हादसे की यह भी एक वजह माना जा रहा है। अब सवाल उठ रहा है कि जब ट्रैक के पास पानी जमा था तो ट्रेन को जाने के लिए सिग्नल क्यों दिया गया।
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