भगवान राम को भेंट किए जाएंगे काशी के गोमुखी और पंचमुखी रूद्राक्ष; जानें क्या है इसकी खासियत
भगवान शिव की नगर काशी इन दिनों भगवान राम के आगमन की तैयारियों में जुटी हुई है। यही वजह है कि यहां पर अयोध्या के लिए भेजी जाने वाली गोमुखी और पंचमुखी रूद्राक्ष की मालाएं तैयार की जा रही हैं। इस काम में व्यापारी भी इतने मगन हैं कि वह भी बिना रुपये लिए अपने सेवाएं देने को तैयार हैं।
वाराणसी: राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे ही हर भारतीय इनमें अपने योगदान के लिए खुद अपनी भूमिका निर्धारित कर रहा है। कुछ ऐसा ही वाराणसी के रुद्राक्ष के बड़े व्यापारी अभिषेक मरोलिया ने भी किया है। दरसअल, राम मन्दिर के गर्भगृह में जब रामलला विराजमान होंगे तो वहां मौजूद ब्राह्मण और शास्त्री कई विधि-विधानों से इस पूरे अनुष्ठान को पूरा करेंगे। 'राम नाम का जाप करना' भी इन्हीं में से एक है। यह रुद्राक्ष की माला इंडोनेशिया से काशी मंगवाई गई है। इसकी पैकिंग का काम चल रहा है इसकी क्वॉलिटी को चेक कर इसे अयोध्या के इस महा उत्सव में भेजा जाएगा।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट से मिला ऑर्डर
बनारस के रुद्राक्ष और पूजा पाठ के सामानों के व्यापारी अभिषेक मरोलिया बताते है कि उनका परिवार 109 वर्षों से बनारस के कचौड़ी गली में व्यापार कर रहा है। यह उनकी चौथी पीढ़ी है जब वह इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। जब रामजन्मभूमि में रामलला के विराजमान होने का दिन, तारीख और समय का निर्णय हो गया तो इन्हें भी रामजन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से जाप में इस्तेमाल होने वाले पंचमुखी रुद्राक्ष और गोमुखी का आर्डर मिला। इस आर्डर के बाद से ही अभिषेक मरोलिया कॉफी प्रसन्न हैं। उन्होनें INDIA TV से बात करते हुए कहा कि 500 सालों से पूरा विश्व जिस राम मंदिर का इंतजार कर रहा था उस मन्दिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में राम जी की मर्जी के कारण ही उनकी सहभागिता बनी है। ऐसे में इन ऑर्डर के बाद जब उनसे सभी सामानों के बिलिंग की बात कही गई, तो उन्होंने निर्णय लिया कि वो भगवान राम के चरणों मे अपनी ओर से यह सभी सामान भेजेंगे। फिलहाल मोरोलिया जी के गोदाम में इस वक्त इंडोनेशिया से मंगवाए गए रुद्राक्ष के माले के साथ कॉटन के ॐ अंकित गोमुखी की पैकिंग की जा रही है, जिसमें इनके कर्मचारी भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।
शिव का रुद्राक्ष और ॐ लिखे गोमुखी का अद्भुत संयोग
इंडोनेशिया से सबसे अच्छे किस्म की रुद्राक्ष रामजन्मभूमि में होने वाले 22 जनवरी के आयोजन के लिए मंगवाई गई है। दरअसल, अभिषेक मरोलिया का इंडोनेशिया में इसी कारोबार से जुड़ा वेयर हाउस भी है। इसी कारण यह इस शुद्धता की गारंटी ले रहे हैं। अभिषेक ने बताया कि इसके ही छोटे-छोटे प्वाइंट को चेक कर एक पैकेट में पंचमुखी 108 दानों की एक माला के साथ ॐ लिखे गोमुखी की पैकिंग की जा रही है। इसमें राम नाम के जाप के साथ शिव के रुद्राक्ष के बने माले और ॐ अंकित गोमुखी का शिव की नगरी से राम की नगरी में जाना एक अद्भुत सयोग है।
स्वेच्छा से सेवा कार्य में लगे कर्मचारी
स पैकिंग के काम में हिस्सा लेने वाले अभिषेक मरोलिया के कर्मचारी संतोष कुमार ने बताया कि 500 सालों से हमें राम मंदिर के निर्माण का इंतजार था। ऐसे में अब 22जनवरी को जब प्राण-प्रतिष्ठा का समय नजदीक का चुका है और इसमे इस्तेमाल होने वाले रुद्राक्ष के माले और गोमुखी की पैकिंग का काम हमें करने का मौका मिला है तो मैं अपने को इतिहास का गवाह बनने को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
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