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Hindi News उत्तर प्रदेश 35 साल पहले बृजभूषण शरण सिंह पर चली थी गोली, अब कोर्ट ने पूर्व सांसद पर लगाया 500 का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

35 साल पहले बृजभूषण शरण सिंह पर चली थी गोली, अब कोर्ट ने पूर्व सांसद पर लगाया 500 का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। कोर्ट ने बीजेपी के पूर्व सांसद पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया है। ये पूरा मामला 35 साल पहले यानी 1990 का है।

बृजभूषण शरण सिंह- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO बृजभूषण शरण सिंह

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह अब एक नई मुसीबत में फंस गए। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की एक स्थानीय अदालत ने बृजभूषण शरण सिंह पर झूठी गवाही देने से संबंधित एक मामले में मंगलवार को सुनवाई बंद करते हुए 500 रुपये का जुर्माना लगाया है।

बृजभूषण शरण सिंह ने दर्ज कराई थी FIR

सहायक जिला शासकीय वकील (आपराधिक) अवनीश द्विवेदी के अनुसार, सिंह ने नवाबगंज थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आठ सितंबर 1990 को शाम करीब चार बजे वह अपने साथियों के साथ मोहल्ला पड़ाव स्थित अपने आवास पर थे तभी उग्रसेन सिंह, वीरेंद्र कुमार मिश्रा और रमेश चंद्र मिश्रा उनसे बातचीत करने पहुंचे। 

गोली से बाल-बाल बचे थे बृजभूषण शरण सिंह

वकील द्विवेदी ने बताया कि चर्चा के दौरान उग्रसेन सिंह ने भाजपा के पूर्व सांसद पर पिस्तौल से गोली चलाई लेकिन वह बच गए। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में आरोप लगाया कि इस बीच वीरेंद्र कुमार मिश्रा और रमेश चंद्र मिश्रा ने उनपर (बृजभूषण शरण सिंह) कथित तौर पर चाकू से हमला किया, जिससे उनके हाथ में चोट लग गई। 

मुकदमे के दौरान दो आरोपियों की मौत

प्राथमिकी के मुताबिक, हालांकि आसपास के लोगों के हस्तक्षेप के कारण आरोपी को काबू कर लिया गया। सहायक जिला शासकीय वकील के मुताबिक, जांच के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया हालांकि, मुकदमे के दौरान दो आरोपियों उग्रसेन सिंह और रमेश चंद्र मिश्रा की मौत हो गई। 

बृजभूषण सिंह ने वीरेंद्र कुमार मिश्रा की नहीं की पहचान

उन्होंने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह ने अदालत में गवाही के दौरान वीरेंद्र कुमार मिश्रा की पहचान नहीं की और इस बात से इनकार किया कि आरोपी ने उनपर हमला किया था। अधिकारी ने बताया कि इस आधार पर बचाव पक्ष ने मिश्रा को बरी करने का अनुरोध किया और 11 सितंबर 2024 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (तृतीय) ने उन्हें बरी कर दिया। 

झूठी गवाही देने के खिलाफ लगा जुर्माना

उन्होंने कहा कि साथ ही झूठी गवाही देने के लिए बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अलग से आपराधिक कार्यवाही का आदेश दिया गया। द्विवेदी ने कहा कि मामला 17 सितंबर 2024 को दर्ज किया गया और अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) की अदालत में उसकी सुनवाई की गई। 

500 रुपये का जुर्माना लगाकर मामले को किया गया बंद

वकील अवनीश द्विवेदी ने कहा कि बृजभूषण सिंह को इस मामले में तलब किया गया लेकिन वह पेश नहीं हुए, जिस कारण गैर-जमानती वारंट जारी किया गया। अधिकारी ने कहा कि सिंह सोमवार को अदालत में पेश हुए और अपनी अनुपस्थिति के लिए माफी मांगी। न्यायाधीश राजेश कुमार ने वारंट रद्द कर दिया। वकील ने कहा कि अदालत ने सिंह पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया और मामले को बंद कर दिया। (भाषा के इनपुट के साथ)