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Hindi News उत्तर प्रदेश सपा कैंडिडेट नसीम सोलंकी ने शिवलिंग पर चढ़ाया जल तो मच गया बवाल, जारी हो गया फतवा

सपा कैंडिडेट नसीम सोलंकी ने शिवलिंग पर चढ़ाया जल तो मच गया बवाल, जारी हो गया फतवा

उत्तर प्रदेश के कानपुर में सीसामऊ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी के खिलाफ मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवा जारी किया है।

Naseem Solanki, Naseem Solanki News, Naseem Solanki Fatwa- India TV Hindi Image Source : INDIA TV सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के खिलाफ मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी फतवा जारी किया है।

कानपुर: उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों से जुड़ी खबरों ने सूबे का सियासी पारा चढ़ाया हुआ है। ताजा मामला कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट का है जहां से चुनाव लड़ रहीं समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी पर फतवा जारी हो गया है। पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी ने हाल ही में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया था, जिसके बाद मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नसीम के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। वहीं, नसीम सोलंकी के वीडियो के बहाने बीजेपी भी उन पर हमलावर है।

दीपावली की रात किया था जलाभिषेक

बता दें कि सीसामऊ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने दीपावली की रात कानपुर के एक ऐतिहासिक मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया था। मंदिर में नसीम ने दीप जलाकर पूरे विधि विधान से पूजा की। इस वीडियो के सामने आने के बाद मामले ने कुछ ऐसा तूल पकड़ा कि सियासी गलियारों से लेकर मौलानाओं तक में चर्चा गर्म हो गई, और सपा प्रत्याशी पर फतवा जारी हो गया। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नसीम पर फतवा जारी करते हुए कह दिया कि उन्हें तौबा करनी चाहिए।

बीजेपी ने भी सोलंकी पर साधा निशाना

नसीम सोलंकी के इस वीडियो के बहाने भारतीय जनता पार्टी को भी हमला बोलने का मौका मिल गया। बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी ने नसीम सोलंकी द्वारा जलाभिषेक किए जाने को चुनावों के मौसम में की जाने वाली सियासी कवायद करार दिया। बता दें कि नसीम सोलंकी के पति एवं पूर्व विधायक इरफान सोलंकी जेल में बंद हैं, और उन्हें कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा ने प्रत्याशी बनाया गया है। अब सियासी बिसात पर नसीम सोलंकी की ये साधना कितनी सफल होगी ये तो आने वाला वक्त बताएगा, मगर इतना तो जरूर है कि बैठे बिठाए मौलानाओं से एक नई मुसीबत मोल ले ली है। (रिपोर्ट: ज्ञानेंद्र शुक्ला/अनूप मिश्रा)