उत्तर प्रदेश पुलिस ने सात साल के बच्चे को एडीजी बनाकर सभी का दिल जीत लिया है। मामला वाराणसी जोन का है। यहां ब्रेन कैंसर से जूझ रहे एक बच्चे को एक दिन के लिए एडीजी बनाया गया। खास बात यह है कि इस बच्चे के पिता दरोगा बनना चाहते हैं और इसकी तैयारी कर रहे हैं। वहीं, बेटे का सपना आईपीएस अधिकारी बनने का है। ऐसे में बच्चे को एक दिन के लिए एडीजी बनाकर उत्तर प्रदेश पुलिस तारीफें बटोर रही है।
यूपी पुलिस ने जिस बच्चे को एक दिन के लिए एडीजी बनाया है, वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। इलाज के लिए वह उत्तर प्रदेश आया था और ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन होने के बाद उसे एक दिन के लिए एडीजी बनाया गया।
सही इलाज के लिए आए यूपी
बिहार के सुपौल जिले के प्रभात की तबीयत बिगड़ी तो उसके माता-पिता परेशान हो गए। प्रभात कुमार के पिता रंजीत कुमार नीजी कोचिंग चलाकर अपने घर का पालन-पोषण करते हैं। ऐसे में जब बच्चे की तबीयत बिगड़ी तो वह कई बार डॉक्टर के पास गए, लेकिन आराम नहीं मिला। बाद में उन्हें पता चला कि बेटे को ब्रेन ट्यूमर है। इसके बाद इलाज के लिए बड़े अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां भी कैंसर विभाग में छोटे बच्चे के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं थीं। बेहतर की इलाज की तलाश में वह प्रयागराज पहुंच गए। यहां उनके बेटे का ऑपरेशन हुआ।
जिप्सी में सवार होकर किया निरीक्षण
इस बीच एक समाजसेवी संस्था को पता चला कि ब्रेन कैंसर से जूझ रहे प्रभात का सपना आईपीएस अधिकारी बनने का है। इसके बाद एनजीओ के प्रयास से प्रभात एक दिन के लिए एडीजी बन गए। वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने उन्हें अपनी कुर्सी पर बैठाया और माता-पिता के साथ फोटो भी क्लिक कराई। प्रभात जिप्सी में सवार होकर शहर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने भी पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कहा कि एक दिन के लिए एडीजी बनकर वह एसीपी प्रद्ययुमन जैसा महसूस कर रहे हैं।