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Hindi News उत्तर प्रदेश 2 महीने से शहर-शहर भटक रहा था आंध्र प्रदेश का परिवार, बनारस की धर्मशाला में एक साथ लगाई फांसी; आखिर क्या है वजह

2 महीने से शहर-शहर भटक रहा था आंध्र प्रदेश का परिवार, बनारस की धर्मशाला में एक साथ लगाई फांसी; आखिर क्या है वजह

वाराणसी की एक धर्मशाला में एक साथ पूरे परिवार ने खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कमरे में चार लोगों का लटकती लाशें देख पुलिस के भी होश उड़ गए। मौके से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है जिसके मुताबिक ये परिवार लंबे समय से आर्थिक समस्या से घिरा था।

Family Suicide- India TV Hindi Image Source : INDIA TV आंध्र आश्रम में सामूहिक आत्महत्या के बाद पहुंचे पुलिस अधिकारी

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। खबर है कि काशी के सबसे चर्चित थाना क्षेत्र दशाश्वमेघ में आंध्र प्रदेश से बनारस आए एक परिवार के चार सदस्यों ने धर्मशाला के कमरे में फांसी के फंदे पर झूलकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। जैसे ही स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना मिली तो पुलिस तुरंत फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची। जब पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी तो सभी के होश उड़ गए। कमरे में एक नहीं बल्कि चार लाशें कमरे के अलग-अलग हिस्सों में झूल रही थीं।

चेक आउट की रसीद भी बनवा ली थी 

वाराणसी के देवनाथपुरा इलाके के आंध्र आश्रम में वैसे तो काशी की धार्मिक यात्रा पर आने वाले यात्री परिवार रुकते रहते हैं, लेकिन आश्रम के ट्रस्टी वीवी सुन्दरन शास्त्री ने पुलिस को बताया कि हमारे आश्रम ने काशी दर्शन के लिए यात्रियों का समूह आता है, जिनके लिए आश्रम की अलग-अलग इकाई में ठहरने और भोजन की व्यवस्था है। जी. राजेश अपने माता-पिता और एक भाई के साथ 3 दिसंबर को काशी आये थे। उन्होंने यहां रहने की इच्छा जाहिर की तो उन्हें संस्था की ओर से संचालित होने वाले 30 कमरों के काशी कैलाश भवन में रहने की व्यवस्था दी गयी। 

सभी एक ही कमरे में रह रहे थे। कल शाम तक उन्होंने चेक आउट की रसीद बनवाकर अपने पास रख ली। आज सुबह जब सफाई कर्मचारी कमरों की सफाई कर रहे थे तो वह इस कमरे में पहुंचे। लेकिन जब दरवाजा खूब खटखटाने पर भी नहीं खुला तो खिड़की के झरोखे से कमरे में झांका तो एक शव कमरे की छत से झूलता दिखा। इसके बाद कर्मचारी ने उन्हें बताया और उन्होंने तत्काल सर्किल के एसीपी अवधेश पाण्डेय को फोन पर सूचना दी।

सुसाइड नोट में क्या लिखा है?

बनारस के देवनाथपुरा मुहल्ले के काशी कैलाश भवन पहुंचे एसीपी दशाश्वमेघ अवधेश पाण्डेय और दशाश्वमेध थाना प्रभारी थानाध्यक्ष बैद्यनाथ सिंह सहित फोर्स जब मौके पर पहुंची तो सामूहिक आत्महत्या की जानकारी अला अधिकारियों को भी दी गई, जिसके बाद मौके पर एडीसीपी, डीसीपी काशी जोन मौके पर पहुंच गए। उसके तत्काल बाद एसीपी लॉ एंड आर्डर के साथ खुद सीपी मुथा अशोक जैन घटना स्थल पर पहुंच गए और अधिकारियों के समक्ष जब कमरे की तलाशी हुई तो वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। सूत्रों की माने तो सुसाइड नोट में पैसे के लेनदेन को लेकर आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी से आया हुआ परिवार काफी परेशान था। यही वजह है कि 2 महीने पहले से यह परिवार अपना शहर छोड़कर अलग-अलग शहरों में भटकने को मजबूर था। 

कभी तमिलनाडु, कभी हरिद्वार, कभी कलकत्ता और फिर बनारस पहुंचकर इस परिवार ने 3 दिसंबर को बेटे जी. रमेश के नाम से कमरा लिया और आंध्रा आश्रम के काशी कैलाश भवन में रह रहा था। 4 दिसंबर को ये लोग काशी से वापस जाने वाले थे। लेकिन चारों लोगों ने रात में सामूहिक फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतकों में जय राज (23 वर्ष), लावणिया (45 वर्ष), कोंडा वर्पीय (50 वर्ष), राजेश (25 वर्ष) शामिल हैं।

जी रमेश के ऊपर अपने मालिक का था दवाब

वहीं इस मामले में सूत्रों ने ये भी बताया कि परिवार का बेटा जी रमेश आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी में नौकरी करता था। रमेश ने अपने मालिक से कुछ पैसे उधार लिए थे। इन पैसों के लेनदेन को लेकर उसका मालिक लगातार उसपर दवाब बना रहा था और इसी क्रम में जी रमेश से एक ब्लैंक पेपर पर साइन भी ले लिए थे। सूत्रों की मानें तो रमेश ने अपने मालिक के पैसे लौटाए भी थे लेकिन वह साइन किए हुए ब्लैंक पेपर की दम पर उसे धमकाता रहा। यही वजह है कि पूरा परिवार इस दंश को झेल रहा था और अतंत: खुद को खत्म कर लिया।

साक्ष्य के आधार पर मुकदमा होगा दर्ज

वहीं इस मामले पर वाराणसी के सीपी मुथा अशोक जैन ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मामला पैसे के लेनदेन से जुड़ा हुआ है और मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है। अब इस मामले में फॉरेंसिक टीम की मदद से अन्य साक्ष्य जुटाए जायेंगे। इसके साथ ही इस मामले में क्योकि घटना वाराणसी में हुई है, तो पोस्मार्टम रिपोर्ट के आने के बाद स्थति साफ होने पर साक्ष्य के आधार पर मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा और आंध्रा पुलिस से सम्पर्क किया जाएगा।

(रिपोर्ट- अश्वनी त्रिपाठी)