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Hindi News उत्तर प्रदेश मथुरा में भ्रष्टाचार के खिलाफ 4 माह से धरने पर था बुजुर्ग, हो गई मौत, पढ़ें पूरा मामला

मथुरा में भ्रष्टाचार के खिलाफ 4 माह से धरने पर था बुजुर्ग, हो गई मौत, पढ़ें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के मथुरा में सरकारी विभागों में कथित भ्रष्टाचार के विरुद्ध धरना कर रहे बुजुर्ग की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, देवकीनंदन शर्मा बीते 4 महीने से धरने पर थे लेकिन 11 जून को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई।

सांकेतिक फोटो। - India TV Hindi Image Source : PTI/ANI सांकेतिक फोटो।

उत्तर प्रदेश के मथुरा से दुखी करने वाला मामला सामने आया है। एक बुजुर्ग सरकारी विभागों में जारी कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ बीते 4 महीने से धरने पर बैठा था। हालांकि, बीते मंगलवार को उस बुजुर्ग की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, बुजुर्ग भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले चार महीने से अपने घर के पास स्थित एक मंदिर में धरने पर बैठा हुआ था। पुलिस इस मामले में जरूरी कार्रवाई कर रही है। आइए जानते हैं कि क्या है ये पूरा मामला। 

कैसे हुई मौत?

दरअसल, ये पूरा मामला माट तहसील के शंकरगढ़ी गांव का है। यहां 66 साल के देवकीनंदन शर्मा की 11 जून की शाम को अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण मौत हो गई। उप जिलाधिकारी आदेश कुमार ने गुरुवार को बताया कि देवकीनंदन शर्मा को तबीयत बिगड़ने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया लेकिन उनकी हालत ज्यादा खराब थी। उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां ले जाते वक्त रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। 

भ्रष्टाचार के विरोध में धरना दे रहे थे

मृतक के परिजनों के मुताबिक, देवकीनंदन पंचायती राज तथा अन्य सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के विरोध में पिछले चार महीने से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। उप जिलाधिकारी के अनुसार, तहसील कर्मचारियों को धरना समाप्त करने के लिए मनाने के मकसद से कई बार भेजा गया लेकिन देवकीनंदन शर्मा नहीं माने। अधिकारी के मुताबिक, 10 जून को वह अपना धरना समाप्त करने के लिए सहमत हुए मगर साथी ग्रामीणों से परामर्श करने के बाद उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया।

परिजनों ने क्या बताया?

अधिकारियों ने बताया है कि जब देवकीनंदन को मनाने के प्रयास विफल हो गए, तो उनके घर पर कानूनी कार्रवाई के लिए एक वैकल्पिक नोटिस भी चिपकाया गया था। हालांकि, मृतक के भाई का आरोप है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे उनके भाई का अनशन समाप्त कराने के लिए तहसील प्रशासन ने कोई प्रयास नहीं किया था। उन्होंने बताया कि देवकीनंदन देवकीनंदन एक मंदिर में उपवास पर थे। वह केवल पानी या कुछ ग्लूकोज मिश्रित पानी ले रहे थे। (इनपुट: भाषा)

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