ईडी ने समाजवादी पार्टी के पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्रा के परिवार और करीबियों पर शिकंजा कस दिया है। ईडी की प्रयागराज यूनिट ने विजय मिश्रा की तकरीबन साढ़े चौदह करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति जब्त की हैं। ईडी ने कुल पांच संपत्तियां जब्त की हैं। ये संपत्तियां प्रयागराज, दिल्ली और मध्य प्रदेश के रीवा में थीं। ये संपत्तियां विजय मिश्रा की पत्नी और पूर्व एमएलसी राम लली मिश्रा के साथ ही करीबी भोलानाथ शुक्ल और चंदन तिवारी के नाम थीं।
ईडी ने जो पांच संपत्तियां जब्त की हैं, उनमें 12.54 करोड़ की अचल संपत्तियां हैं और 1.85 करोड़ का फिक्स डिपाजिट भी शामिल है, जो बैंक में जमा था। ईडी ने यह कार्रवाई विजय मिश्रा के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग केस के तहत की है। जांच के दौरान इन संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली थी। विजय मिश्रा के परिवार ने वीएसपी स्टारर रीयल्टी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बना रखी थी। जब्त की गई संपत्तियों में चार अचल और एक चल संपत्ति शामिल है।
बिहार के पूर्व विधायक को ईडी ने किया गिरफ्तार
ईडी ने आय से अधिक संपत्ति रखने से जुड़े कथित धन शोधन मामले में बिहार के पूर्व विधायक गुलाब यादव को गिरफ्तार किया है। हालांकि, विधायक ने गिरफ्तार होने के बाद आरोप लगाया कि वह “राजनीतिक साजिश का शिकार” हुए हैं और लोग इसका करारा जवाब देंगे। ईडी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के बिहार कैडर के अधिकारी संजीव हंस और यादव को उनके खिलाफ धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। हंस को जहां पटना से गिरफ्तार किया गया था, वहीं यादव को ईडी ने दिल्ली से हिरासत में लिया था और ट्रांजिट रिमांड पर शनिवार को पटना ले आई थी। पटना हवाईअड्डे से निकलते समय यादव ने पत्रकारों से कहा, “मैं बेगुनाह हूं। मैं राजनीतिक साजिश का शिकार हो गया हूं और जनता इसका करारा जवाब देगी।” हंस 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और बिहार ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव रह चुके हैं, जबकि यादव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व विधायक हैं। उन्होंने 2015 से 2020 तक मधुबनी जिले की झंझारपुर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था।