उत्तर प्रदेश के कुंडा में डीएसपी रहे जिया उल हक की हत्या मामले में 10 दोषियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। बता दें कि यह सजा लखनऊ स्थिति सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने सुनाई है। बता दें कि 2 मार्च 2023 को डीएसपी जियाउल हक की हत्या कर दी गई थी। बता दें कि सीओ कुंडा जियाउल हक की हत्या लाठी, डंडों से पीटने और गोली मारकर की गई थी। कोर्ट ने जिन 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, उसमें फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी, जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल का नाम शामिल है।
राजा भैया को मिल चुका है क्लीन चिट
बता दें कि इस हत्याकांड मामले में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया और उनके करीबी ग्राम प्रधान गुलशन यादव को पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है। बता दें कि बीते दिनों सीबीआई की विशेष अदालत ने इन 10 लोगों को दोषी पाया था। इसके बाद फैसले को 9 अक्तूबर को सुनाया जाना था। इसी कड़ी में इन 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सीबीआई के मुताबिक साल 2013 में कुंडा के डीएसपी जिया उल हक पुलिस पार्टी के साथ बालीपुर इलाके के प्रधान नन्हे यादव के घर गए थे। उस समय इलाके में नन्हे यादव की हत्या होने के कारण हालात काफी खराब हो गए थे। कानून व्यवस्था खराब होने के चलते पुलिस पार्टी वहां पहुंची थी।
सीबीआई ने बताई असली कहानी
सीबीआई ने कहा कि आरोप है कि मृतक नन्हे यादव के परिवार वाले और समर्थको ने पुलिस के ऊपर लाठी डंडों और अन्य हथियार से हमला कर दिया था। भीड़ ने सीओ कुंडा जिया उल हक की इस दौरान हत्या कर डाली। सीबीआई की विशेष अदालत 9 अक्तूबर को दोषियों को सजा सुनाएगी। बता दें कि इस हत्याकांड में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भी नाम उछला था। उनपर आरोप था कि राजा भैया के मैनेजर नन्हे सिंह ने डीएसपी पर गोली चलाई थी। हालांकि राजा भैया की इस हत्याकांड में भूमिका नहीं पाई गई। सीबीआई की जांच में दोबारा राजा भैया को क्लीन चिट मिल गई।