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Hindi News उत्तर प्रदेश डीएसपी जिया उल हक हत्याकांड के 11 साल, कोर्ट में 10 आरोपी दोषी करार, राजा भैया को मिल चुकी है क्लीन चिट

डीएसपी जिया उल हक हत्याकांड के 11 साल, कोर्ट में 10 आरोपी दोषी करार, राजा भैया को मिल चुकी है क्लीन चिट

कुंडा के डीएसपी रहे जिया उल हक की हत्या कांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है। बता दें कि इस मामले में 9 अक्तूबर को विशेष अदालत आरोपियों को सजा सुनाएगी।

DSP Zia-ul-Haq murder case 10 accused convicted in court Raja Bhaiya gets clean chit- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK डीएसपी जिया उल हक

लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के कुंडा से डीएसपी रहे जिया उल हक की हत्या मामले में 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है। दोषियों के नाम फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन, छोटे लाल यादव, राम आश्रय, मुन्ना लाल यादव, शिवराम पासी और जगत पाल है। सीबीआई के मुताबिक साल 2013 में कुंडा के डीएसपी जिया उल हक पुलिस पार्टी के साथ बालीपुर इलाके के प्रधान नन्हे यादव के घर गए थे। उस समय इलाके में नन्हे यादव की हत्या होने के कारण हालात काफी खराब हो गए थे। कानून व्यवस्था खराब होने के चलते पुलिस पार्टी वहां पहुंची थी।

सीबीआई ने बताई पूरी कहानी

सीबीआई ने कहा कि आरोप है कि मृतक नन्हे यादव के परिवार वाले और समर्थको ने पुलिस के ऊपर लाठी डंडों और अन्य हथियार से हमला कर दिया था। भीड़ ने सीओ कुंडा जिया उल हक की इस दौरान हत्या कर डाली। सीबीआई की विशेष अदालत 9 अक्तूबर को दोषियों को सजा सुनाएगी। बता दें कि इस हत्याकांड में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भी नाम उछला था। उनपर आरोप था कि राजा भैया के मैनेजर नन्हे सिंह ने डीएसपी पर गोली चलाई थी। हालांकि राजा भैया की इस हत्याकांड में भूमिका नहीं पाई गई। सीबीआई की जाच में दोबारा राजा भैया को क्लीन चिट मिल गई।

राजा भैया को मिली क्लीन चिट

बता दें कि साल 2012 में देवरिया जिले के नूनखार टोला जुआफर के रहने वाले सीओ जिया उल हक को कुंडा सर्किल की जिम्मेदारी मिली थी। हथिगवां के बालीपुर गांव में 2 मार्च 2013 की शाम ग्राम प्रधान नन्हे सिंह यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या उस समय की गई, जब वह एक विवादित जमीन के पास बैठकर चाय की दुकान पर बैठे थे। बता दें कि इस घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश था। इस दौरान जब सीओ जिया उल हक ने गांव में मोर्चा संभाला तब उनकी हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में मृत सीओ जिया उल हक की पत्नी पर्नी की तहरीर पर पुलिस ने रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि बाद में सीबीआई ने उन्हें क्लीन चिट दे दिया।