अयोध्या: 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन है, इसे लेकर राजनीति कम होने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह एक रामलला की मूर्ति को लेकर विवादित बयान दिया। जिस पर अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा, "सभी मूर्तियां वहीं रहेंगी क्योंकि मूर्ति 'बाल स्वरूप' में थी, इसलिए लोगों को 'दर्शन' में कठिनाई का सामना करना पड़ता था इसलिए ट्रस्ट ने इसे भव्यता देने की कोशिश की है।
"दिग्विजय सिंह हमेशा राम विरोधी रहे हैं"
राजू दास ने न्यूज एजेंसी एएनआई से आगे कहा, "मुख्य मुद्दा जन्मभूमि का था। अयोध्या में मंदिरों की कोई कमी नहीं है। मैं दिग्विजय सिंह जैसे लोगों से कहना चाहता हूं, जिन्होंने जाति के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश की, वे अयोध्या आएं और मंदिरों को देखें। वहां सभी जातियों के राजाओं और शासकों के राम जानकी मंदिर हैं। दिग्विजय सिंह हमेशा राम विरोधी रहे हैं। वह शुरू से ही हर चीज में खामियां निकालते रहे हैं।"
क्या कहा दिग्विजय सिंह ने?
जानकारी दे दें कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, "मैं शुरू से कहता आ रहा हूं कि जिस राम की मूर्ति को लेकर विवाद हुआ और उसे तोड़ दिया गया, वह कहां है? दूसरी मूर्ति की क्या जरूरत थी? हमारे गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने भी सुझाव दिया था कि भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाए। राम जन्मभूमि मंदिर की मूर्ति बाल स्वरूप में होनी चाहिए और माता कौशल्या की गोद में होनी चाहिए, लेकिन मंदिर में जो मूर्ति रखी गई है वह बाल स्वरूप में नहीं दिखती है।"
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