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Hindi News उत्तर प्रदेश Video: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 'दुल्हन' की तरह सज रही अयोध्या, विकास कार्य तेज

Video: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 'दुल्हन' की तरह सज रही अयोध्या, विकास कार्य तेज

अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य प्रतिष्ठा समारोह से पहले विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। मंदिरों की दीवारों पर रामायण से संबंधित कलाकृतियां उकेरी जा रही हैं।

बनाई जा रही रामायण काल से संबंधित कलाकृतियां- India TV Hindi Image Source : ANI बनाई जा रही रामायण काल से संबंधित कलाकृतियां

 अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले विकास कार्य तेजी से चल रहा है। अयोध्या के डिविजनल कमिश्मर गौरव दयाल ने बताया कि मुख्य रूप से चार कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। जिनमें से तीन पूरे हो चुके हैं।  रामपथ पर काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। सारे कार्य 30 दिसंबर तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया है। फ्लाइओवरों का निर्माण चरणवार किया जाएगा। राम जन्मभूमि तक पहुंचने के लिए जो दो ROB हैं वो जल्द ही चालू हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि कुछ लेन 30 दिसंबर तक चालू हो जाएंगी और अन्य काम पूरा होने पर खुल जाएंगी। 

विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दे रहे सीएम योगी

बताया जा रहा है कि अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह से सजाया जा रहा है। राम मंदिर की तरफ जाने वाले मार्गों, दीवारों को पेंट कर रामायण काल की कलाकृतियां बनाई जा रही हैं। विकास कार्य का जायजा लेने खुद मुख्यमंत्री मंत्री योगी आदित्यनाथ समय-समय पर अयोध्या आते रहते हैं।

अलग-अलग भाषाओं में पट्टिकाएं लगाई जाएंगी

मिली जानकारी के अनुसार, देश के विभिन्न हिस्सों से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए यहां तमिल और तेलुगू सहित अलग-अलग भाषाओं में पट्टिकाएं लगाई जाएंगी। अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी जोन) पीयूष मोर्डिया ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रमुख मंदिरों की तरफ जाने वाले मार्गों को चिह्नित करने की योजना बनाई गई है और जिस मार्ग से पैदल यात्री जाएंगे उन पर वाहनों को जाने से रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि मार्गों की आवश्यकता के अनुरूप योजना तैयार की जा रही है। कुछ मार्गों पर ई-रिक्शा को भी प्रतिबंधित किया जा सकता है। 

 श्रद्धालुओं की सुविधाओं का रखा जाएगा ख्याल

मोर्डिया ने बताया कि देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए अयोध्या के मार्गों पर अलग-अलग भाषाओं में निर्देश पट्टिकाएं लगाई जाएंगी, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर जाने में दिक्कत ना हो। उन्होंने बताया कि खासकर दक्षिण भारत के राज्यों की भाषाओं में निर्देश पट्टिकाएं लगाई जाएंगी।