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Hindi News उत्तर प्रदेश यूपी: 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले पर डिप्टी CM केशव मौर्य का बड़ा बयान, कही ये बात

यूपी: 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले पर डिप्टी CM केशव मौर्य का बड़ा बयान, कही ये बात

69 हजार शिक्षक भर्ती मामला चर्चा में बना हुआ है। इस पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस पर बयान दिया है और अभ्यर्थियों को न्याय देने की बात कही है।

Keshav Prasad Maurya- India TV Hindi Image Source : INDIA TV केशव प्रसाद मौर्य

प्रयागराज: 69 हजार शिक्षक भर्ती पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद UP के डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि हाई कोर्ट का डिसीजन स्वागत योग्य है। सरकार पूरे आदेश की समीक्षा करेगी, उसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेगी। केशव मौर्य ने कहा कि अभ्यर्थियों को न्याय मिले, ये कोशिश रहेगी।

सपा नेता अखिलेश यादव पर साधा निशाना

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव का खेल खत्म हो चुका है। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान झूठ बोलकर अपनी पंचर साइकिल में हवा भर ली, लेकिन अब साइकिल नहीं चलेगी। वह पंचर होगी और अब सैफई जाएगी। 

मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव अगर दोधारी तलवार लेकर चलते हैं तो हम चारधारी तलवार लेकर चलते हैं। 

क्या है शिक्षक भर्ती का पूरा मामला?

दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जून 2020 में जारी चयन सूची एवं 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से सूची बनाने के आदेश दिए हैं। इससे पहले एकल पीठ ने 69 हजार अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार करने के साथ-साथ 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज कर दिया था।

जस्टिस ए आर मसूदी एवं जस्टिस बृजराज सिंह की पीठ ने महेंद्र पाल एवं अन्य द्वारा एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर की गयी 90 विशेष अपीलों को एक साथ निस्तारित करते हुए नयी सूची बनाने के आदेश दिये। पीठ ने कहा है कि नयी चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाये ताकि छात्रों की पढ़ाई पर खराब असर न पड़े। 

हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने अपना फैसला 13 अगस्त को ही सुनाया था किन्तु उसकी प्रति वेबसाइट पर शुक्रवार को डाली गयी। पीठ ने इस संबंध में 13 मार्च 2023 के एकल पीठ के आदेश को संशोधित करते हुए यह भी फैसला सुनाया कि सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित मेरिट में आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में ही जगह दी जाएगी। (इनपुट: भाषा से भी)