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Hindi News उत्तर प्रदेश यूपी के अस्पतालों में हड़ताल करना पड़ेगा महंगा, डिप्टी सीएम ने कहा- लगा देंगे ये एक्ट

यूपी के अस्पतालों में हड़ताल करना पड़ेगा महंगा, डिप्टी सीएम ने कहा- लगा देंगे ये एक्ट

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने KGMU में हड़ताली कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर फिर से हड़ताल की तो एस्मा लगाया जाएगा।

KGMU Video, KGMU Video Deputy CM Brajesh Pathak, KGMU ESMA- India TV Hindi Image Source : FILE उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हड़ताल पर जाने वाले सरकारी डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। सूबे के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने इस संबंध में एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण बयान दिया है। केजीएमसी के ट्रॉमा सेंटर में गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मरीजों का हालचाल लिया, और अस्पताल प्रबंधन के साथ-साथ संविदा कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पताल परिसर में हड़ताल बर्दाश्त नहीं होगी। पाठक ने कहा कि हड़ताल करने पर एस्मा (एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट) लगेगा।

‘अगर कोई शिकायत है तो सीधे मिलें’

स्वास्थ्य मंत्री ने अपने बयान में कहा, ‘मरीजों की जान से खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है। अगर कोई शिकायत है तो सीधे मिलें। हड़ताल से कोई हल नहीं निकलेगा।’ उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों को इलाज मिलना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने साफ निर्देश दिया कि किसी भी हालत में कोई भी मरीज बगैर इलाज लिए अस्पताल से न जाए। उन्होंने हड़ताली कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर फिर से हड़ताल की तो एस्मा लगाया जाएगा। पाठक ने कहा कि अस्पताल परिसर में हड़ताल अस्वीकार्य है।

‘मरीजों को पर्याप्त उपचार मिल रहा है’

डिप्टी सीएम पाठक ने बताया कि KGMC में मरीजों को पर्याप्त उपचार मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य सेवाएं कतई बाधित नहीं हुई हैं। अगर किसी ने स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’ उन्होंने कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन मांगों को मनवाने के लिए हड़ताल कोई जरिया नहीं है। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में बतौर स्वास्थ्य मंत्री पाठक काफी एक्टिव रहे हैं, लेकिन फिर भी अक्सर कोई न कोई ऐसी खबर आ जाती है जिसमें स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही नजर आती है।