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Hindi News उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रेशर पॉलिटिक्स काम आई! गठबंधन से मिल सकती है एक और सीट, शाम तक हो सकता है फैसला

कांग्रेस की प्रेशर पॉलिटिक्स काम आई! गठबंधन से मिल सकती है एक और सीट, शाम तक हो सकता है फैसला

कांग्रेस की दबाव की रजनीति का नतीजा देखने को मिल रहा है। समाजवादी पार्टी ने महागठबंधन की एक सीट कांग्रेस को देने के संकेत दिए हैं। आज शाम तक फैसला हो सकता है।

Rahul gandhi and Akhilesh yadav- India TV Hindi Image Source : FILE राहुल गांधी और अखिलेश यादव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है। गठबंधन से कांग्रेस को एक और सीट मिलने के संकेत हैं। इसे कांग्रेस की प्रेशर पॉलिटिक्स का नतीजा माना जा रहा है। इससे पहले उपचुनाव के लिए कुल 9 सीटों में से गठबंधन की ओर से कांग्रेस को केवल दो सीटें ऑफर की गई थीं। इससे कांग्रेस में नाराजगी थी। फिर कांग्रेस की ओर से अपनाई गई प्रेशर पॉलिटिक्स से सियासी हवा बदलने के संकेत हैं। 

फूलपुर विधानसभा सीट मिलने के संकेत

बताया जाता है कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच बातचीत हुई और ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस को फूलपुर विधानसभा सीट मिल सकती है। हालांकि अभी तय नहीं हुआ है कि सपा फूलपुर छोड़ देगी, लेकिन बातचीत सकरात्मक हुई है। माना जा रहा है कि आज शाम तक इस पर फैसला हो सकता है।

कुल 5 सीटों पर किया था दावा

समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को गाजियाबाद और खैर सीट पहले ही दे रखी है इसके अलावा अब फूलपुर सीट भी दे सकती है। दरअसल, कांग्रेस की ओर से उचुनाव में कुल 5 सीटों पर दावा किया गया था। लेकिन समाजवादी पार्टी ने अपनी तरफ से कुल 7 उम्मीदवारों को उतार दिया। समाजवादी पार्टी के इस कदम से कांग्रेस में नाराजगी दिखी। अभी तक उसके खाते में केवल दो सीटें हैं।

गाजियाबाद और खैर की सीटें मिलीं

कांग्रेस की ओर से यह कहा गया कि सीट बंटवारे को लेकर कोई बातचीत नहीं की गई। हालांकि बाद में समाजवादी पार्टी की तरफ से गाजियाबाद और खैर की सीट कांग्रेस को दी गई। लेकिन कांग्रेस इससे भी संतुष्ठ नहीं दिखी। बाद में ऐसी भी खबर आई कि कांग्रेस यूपी विधानसभा उपचुनाव नहीं लड़ेगी। इन तमाम बातों के बीच समाजवादी पार्टी की तरफ से कांग्रेस को यह ऑफर मिला कि वह फूलपुर की सीट उसे दे सकती है। 

सपा पहले ही घोषित कर चुकी है प्रत्याशी

हालांकि फूलपुर सीट पर समाजवादी पार्टी पहले ही मुस्तफा सिद्दीकी को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि इस सीट को कांग्रेस को देने से गठबंधन को नुकसान भी हो सकता है। अगर यह सीट कांग्रेस के खाते में जाती है और उम्मीदवार बदलता है तो इससे गठबंधन को नुकसान हो सकता है। इन्हीं हालातों में अब मंथन के लिए कांग्रेस ने अजय राय और अविनाथ पांडेय को दिल्ली बुलाया है। उपचुनाव लड़ना है या नहीं इस पर राहुल गांधी ही आखिरी फैसला लेंगे।