लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और वाराणसी से लोकसभा प्रत्याशी रहे अजय राय को गैंगस्टर एक्ट में सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अजय राय अपने ऊपर लगे गैंगस्टर एक्ट को रद्द कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। अजय राय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने सरकार से 15 जुलाई तक जवाब मांगा है।
हाई कोर्ट ने राहत देने से किया था इनकार
दरअसल अजय राय ने अपने खिलाफ लगाए गए गैंगस्टर एक्ट को रद्द करने की मांग की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज केस के खिलाफ दाखिल की गई अजय राय की याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने अजय राय के खिलाफ दर्ज 24 से ज्यादा क्रिमिनल केस के आधार पर उन्हें कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था।
हाई कोर्ट में दिया था ये तर्क
राय और चार अन्य की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने कहा था कि मुकदमा अंतिम चरण में है। हाई कोर्ट ने कहा कि गैंगस्टर एक्ट शिकायतकर्ता के कहने पर नहीं लगाया गया था, बल्कि राज्य सरकार द्वारा लगाया गया था। इस मामले की एफआईआर 26 मार्च 2010 को भानु प्रताप सिंह नाम के व्यक्ति ने पुलिस स्टेशन चेतगंज, वाराणसी में दर्ज कराई थी। अदालती कार्यवाही के दौरान, याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी थी कि आवेदकों और शिकायतकर्ता ने 28 सितंबर, 2023 को 'समझौता कर लिया' और आग्रह किया कि हाई कोर्ट आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को रद्द कर दे।
अदालत ने कहा कि जहां तक यूपी गैंगस्टर अधिनियम के तहत अपराध के लिए आवेदकों और शिकायतकर्ता के बीच कथित समझौते का सवाल है यह एक विशेष अधिनियम है। अदालत ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।