महिला अपराधों के खिलाफ सीएम योगी सख्त, अधिकारियों को दिया अल्टीमेटम; नहीं सुधरे तो होगा एक्शन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला अपराध के मामलों को लेकर कड़ा रूख अख्तियार किया है। महिला संबंधित अपराधों के निस्तारण में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अल्टीमेटम दे दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराधों के निस्तारण में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार किया है। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लापरवाही पर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि CM योगी के अल्टीमेटम के बाद भी सुधार न होने पर कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। वैसे तो उत्तर प्रदेश महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराधों के निस्तारण में देश में पहले स्थान पर है। बावजूद इसके प्रदेश के कई जिलों का महिला संबंधी अपराधों के निस्तारण का रेश्यो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपेक्षा के अनुरुप नहीं है। सीएम योगी की मंशा है कि महिला संबंधी अपराधों का निस्तारण शत-प्रतिशत होना चाहिये, जबकि प्रदेश के कुछ जिलों का रेश्यो 80 से 90 प्रतिशत के बीच है।
अल्टीमेटम के बाद भी नहीं सुधरे तो होगा कड़ा एक्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कानून व्यवस्था को लेकर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी। बैठक में अधिकारियों ने सीएम योगी के सामने आईटीएसएसओ पोर्टल के आधार पर 1 अपैल 2023 से 30 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसमें बताया गया कि उत्तर प्रदेश महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराधों के निस्तारण में देश भर के राज्यों में पहले स्थान पर है। प्रदेश का निस्तारण रेश्यो 98.70 प्रतिशत है। वहीं केंद्र शासित राज्यों में लद्दाख पहले और दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव दूसरे स्थान पर है। इस पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए गृह विभाग की पीठ थपथपाई। वहीं अधिकारियों ने रिपोर्ट के आधार पर सीएम को बताया कि प्रदेश के कुछ जिलों के अधिकारी निस्तारण को लेकर गंभीर नहीं हैं। रिपोर्ट में उनकी लापरवाही सामने आई है। इस पर सीएम योगी ने नाराजगी जाहिर करते हुए ऐसे अधिकारियों (एसपी, एसएसपी और पुलिस कमिश्नर) को एक माह में सुधार लाने का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही अधिकारियों को एक माह बाद लापरवाह अधिकारियों की रिपोर्ट शासन को उपब्लध कराने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि यदि लापरवाह अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होता है तो उन पर गाज गिर सकती है। अधिकारियों के अनुसार इन जिलों में निस्तारण का रेश्यो 80 से 90 प्रतिशत के बीच है जबकि सीएम योगी महिला एवं बच्चियों संबंधी अपराधों के निस्तारण का रेश्यो शत-प्रतिशत चाहते हैं। उन्हें महिला संबंधी मामलों में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है।
कंप्लायंस रेट में प्रयागराज कमिश्नरेट संग प्रतापगढ़ फिसड्डी
गृह विभाग के इंवेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंस (आईटीएसएसओ) पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार प्रयागराज कमिश्नरेट का कंप्लायंस रेट क्रमश: 80.48 प्रतिशत है। वहीं प्रतापगढ़ का कंप्लायंस रेट 84.31 प्रतिशत, कानपुर देहात का 85.37 प्रतिशत और चित्रकूट का 86.27 प्रतिशत है। इस पर सीएम योगी ने बेहद नाराजगी जाहिर की है। सीएम ने इन जिलों के अधिकारियों को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराधों पर लगाम लगाने के साथ दर्ज मामलों में कम से कम समय में आरोपियों को सजा दिलाने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह बरेली में महिला अपराध संबंधी 2997 FIR दर्ज की गईं। इनमें से 8 मामलों की फाइनल रिपोर्ट पेंडिंग है, जिसका रेश्यो 0.27 प्रतिशत है। अलीगढ़ में 1910 FIR दर्ज की गईं। इनमें से 6 मामलों की फाइनल रिपोर्ट पेंडिंग है, जिसका रेश्यो 0.31 प्रतिशत है। सुल्तानपुर में 952 FIR दर्ज की गईं। इनमें से 3 मामलों की फाइनल रिपोर्ट पेंडिंग है, जिसका रेश्यो 0.32 प्रतिशत है। फतेहगढ़ में 767 FIR दर्ज की गई। इनमें से 2 मामलों की फाइनल रिपोर्ट पेंडिंग है, जिसका रेश्यो 0.26 प्रतिशत है। सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राथमिकता के आधार पर पेंडिंग मामलों का निस्तारण किया जाए। इसको लेकर वह एक माह बाद भी समीक्षा करेंगे अगर स्थिति संतोषजनक नहीं मिली तो बेपरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
अमरोहा, बाराबंकी, लखनऊ, प्रतापगढ़ और बरेली का कितना डिस्पोजल रेट
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि अमरोहा में महिला अपराध संबंधी 1142 FIR दर्ज की गईं। इनमें से 1117 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई, जिसका डिस्पोजल रेट 97.81 प्रतिशत है। बाराबंकी में 1580 उन्होंने दर्ज की गईं। इनमें से 1549 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई, जिसका डिस्पोजल रेट 98.04 प्रतिशत है। लखनऊ कमिश्नरेट में 2686 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 2636 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई,जिसका डिस्पोजल रेट 98.13 प्रतिशत है। इसी तरह प्रतापगढ़ में 1246 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 1223 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई,जिसका डिस्पोजल रेट 98.15 प्रतिशत है। बरेली में 2997 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 2942 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई,जिसका डिस्पोजल रेट 98.16 प्रतिशत है। इस पर सीएम योगी ने बैठक में मौजूद गृह विभाग के अधिकारियों को जांच प्रक्रिया में तेजी लाने तथा लंबित जांच को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जब अगली बैठक हो तो इनमें सुधार होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन मामलों में जिन जिलों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है इन पर खासा फोकस किया जाए। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होता है तो उनपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।