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Hindi News उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने की हाई लेवल मीटिंग, बुलंदशहर, मुरादाबाद और खुर्जा को लेकर अधिकारियों को मिला निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने की हाई लेवल मीटिंग, बुलंदशहर, मुरादाबाद और खुर्जा को लेकर अधिकारियों को मिला निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज एक हाई लेवल मीटिंग की। इस मीटिंग में बुलंदशहर, खुर्जा और मुरादाबाद को लेकर कुछ अहम फैसले लिए गए हैं। इस बाबत सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित भी कर दिया है।

CM Yogi Adityanath held a high level meeting officials got instructions regarding Bulandshahr Morada- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO सीएम योगी आदित्यनाथ ने की हाई लेवल मीटिंग

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में सीएम योगी ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस बैठक में सीएम योगी ने निर्णय लिया कि खुर्जा, बुलंदशहर और मुरादाबाद विकास प्राधिकरणों को मिलाकर एक नया प्राधिकरण बनाया जाएगा। जीआईसी आधारित महायोजन 2031 के प्रस्तुतिकरण का सीएम योगी ने अवलोकन किया और आवश्यकत दिशानिर्देश दिए। साथ ही इस बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कुछ दिशानिर्देश भी दिए।

सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए निर्देश

  • खुर्जा और बुलन्दशहर दो अलग-अलग विकास प्राधिकरण के रूप में गठित हैं, जबकि दोनों ही विकास प्राधिकारणों में आर्थिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरूपता है। पूरा क्षेत्र एक ही जनपद बुलंदशहर के अंतर्गत आता है। विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाओं को बनाने और उनके सुगम क्रियान्वयन के लिए यह आवश्यक है कि दोनों प्राधिकरणों को मिलाकर एक बड़े विकास प्राधिकरण का गठन किया जाए। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही यथाशीघ्र पूरी कराएं।
  • खुर्जा का सिरेमिक उद्योग देश-विदेश में विशेष पहचान रखता है। वर्ष 2021 में 23 मिलियन यूएस डॉलर मूल्य के सिरेमिक उत्पाद निर्यात किए गए। इस सेक्टर में अभी बहुत संभावना है। आवश्यकता है कि इससे जुड़े उद्यमियों, शिल्पियों की अपेक्षाओं के अनुसार सुविधाओं का विस्तार किया जाए। उन्हें मार्केट उपलब्ध कराएं। सिरेमिक हाट का निर्माण कराएं।
  • जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट खुर्जा के समीप ही है। ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर का लाभ भी खुर्जा को मिल रहा है।यह विशेष स्थिति खुर्जा को भविष्य में निर्यात का हब बनने में बड़ी भूमिका निभाएगा। पॉटरी उद्योग के उद्यमियों के लिए एक नए इंडस्ट्रियल एरिया का विकास भी किया जाना चाहिए।
  • रिड्यूज, रीयूज, रिसाइकिल की नीति के साथ सभी नगरों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ठोस कार्ययोजना होनी चाहिए। इसे महायोजना में स्थान दें। एसटीपी/सीईटीपी का निर्माण कराएं। लैंडफिल साइट पहले से चिन्हित हो। नई तकनीक को अपनाएं।
  • मुरादाबाद में रामगंगा नदी के किनारे अतिक्रमण की स्थिति है। ऐसी ही स्थिति काशी, सहारनपुर आदि जनपदों में भी दे खी जा सकती है। अभी लखनऊ में कुकरैल नदी के पुनर्जीवन की कार्यवाही हो रही है। अवैध बसावट को हटा कर उन्हें अन्यत्र पुनर्वासित कराया गया है। इसी प्रकार, अन्य जिलों में भी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कार्यवाही की जानी चाहिए। यह सुनिश्चित करायें कि नदी बेसिन में कोई बसावट न हो। पुराने तालाबों/पोखरों व अन्य जलाशयों को संरक्षित करें। अतिक्रमण हो तो तत्काल हटाएं।
  • यह सुनिश्चित किया जाए कि हर नगर की महायोजना में हरित क्षेत्र के लिए आरक्षित हो। जहां कहीं भी ग्रीन बेल्ट है, वहां किसी भी दशा में नई कॉलोनी न बसने पाए। 
  • सीमा विस्तार में शामिल नए गांवों को महायोजना में आबादी के रूप में ही दर्ज किया जाए। किसी भी दशा में इसे ग्रीन बेल्ट न कहा जाए। इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद कर आवश्यक कार्यवाही आगे बढ़ाई जानी चाहिए।
  • सभी नगरों में इनर रिंग रोड का विकास करना होगा। इस इनर रिंग रोड के बगल में विभिन्न लिंक रोड पर सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। नगर के अंदर के कंजेशन को दूर करने के लिए यह आवश्यक है कि रिंग रोड के किनारे पर अलग-अलग व्यवसायिक गतिविधियों का विकास करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। कहीं स्पोर्ट्स सिटी, मेड़ी सिटी, नॉलेज सिटी, नेचर पार्क, आयुष पार्क आदि का विकास किया जाना चाहिए।
  • महायोजना में शामिल नई कॉलोनी के विकास पर ध्यान दें। वहां सड़क, सीवर, बिजली, पानी जैसी सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता हो। महायोजना को अंतिम रूप देते समय यह ध्यान रखें कि यदि कोई धार्मिक स्थान है तो उसे उसी रूप में दर्ज करें।
  • नगरों में यातायात प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है। हमें इसके लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। सड़कों के चौड़ीकरण करते समय ड्रेनेज और यूटिलिटी डाक्ट की व्यवस्था बेहतर ढंग से की जाए।
  • जनसमस्याओं के निस्तारण में तेजी लाएं। नक्शा पास कराने जैसे सामान्य कार्यों में अनावश्यक विलम्ब न हो। प्राधिकरणों में अच्छे टाउन प्लानर की तैनाती करें। अपना दायरा बढ़ायें। आय के नए स्रोत सृजित करें।