लखनऊ: लखनऊ में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लक्ष्मण की मूर्ति का अनावरण किया है। अब जब आप लखनऊ जाएंगे तो लक्ष्मणजी की मूर्ति भी दिखेगी। लखनऊ के रास्ते अयोध्या जाने वाले श्रद्धालु पहले प्रभु राम के छोटे भाई लक्ष्मण के दर्शन करेंगे और फिर अयोध्या में प्रभु राम के। ये मूर्ति लखनऊ एयरपोर्ट के बाहर लगी है। ब्रॉन्ज से बनी ये मूर्ति 12 फिट की है जो छह फीट ऊंचे पेडस्टल पर लगाई गई है यानि जमीन से करीब 18 फिट ऊंची दिखाई देगी।
लक्ष्मण ने बसाया था लखनऊ
मान्यता है कि भगवान राम ने ये इलाका लक्ष्मण जी को उपहार में दिया था। लक्ष्मण ने ही लखनऊ बसाया था इसलिए पहले शहर का नाम लक्ष्मणपुर या लखनपुर था। मूर्ति में धनुष बाण के साथ लक्ष्मण रौद्र रूप में दिखाई दे रहे हैं। मूर्ति प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने बनाई है, इसे तैयार करने के लिए ब्रॉन्ज (कांस्य) का उपयोग किया गया है। प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने कई बड़े महापुरुषों की मूर्तियां बनाई हैं। उन्हें सबसे अधिक लोकप्रियता स्टैचू ऑफ यूनिटी से मिली जो कि विश्व की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है। राम सुतार 96 साल के हैं और लगभग 50 साल से मूर्तियां बनाने का काम कर रहे हैं।
लखनऊ की पहचान बदलेगी...वोट भी मिलेगा?
वहीं, आपको बता दें कि प्रतापगढ़ से बीजेपी के सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी तीनों को खत लिखकर लखनऊ का नाम लखनपुर करने की मांग की। बीजेपी सांसद के इस लेटर के बाद बहस छिड़ गई कि क्या लखनऊ का नाम लखनपुर किया जा सकता है? हालांकि, ये पहली बार नहीं है। बल्कि हर काल खंड में लखनऊ के नाम को बदलने को लेकर आवाज उठती रही है।
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नाम बदलने पर फैसला अभी नहीं हुआ है लेकिन दोनों डिप्टी सीएम इस खत से अपनी सहमति रखते है। लेकिन सवाल यह है कि क्या अयोध्या में राम और लखनऊ में लक्ष्मण दोनों मिलकर 2024 के लिए बीजेपी का माहौल बनाएंगे। क्या लखनऊ अब लखनपुर या लक्ष्मणपुरी कहा जाएगा और क्या अयोध्या में राम और लखनऊ में लक्ष्मण बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित होंगे।