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Hindi News उत्तर प्रदेश 'यूपी में किसने धोखा दिया, इसकी जांच होनी चाहिए'; बीजेपी सांसद ने पार्टी की सीट घटने पर उठाए सवाल

'यूपी में किसने धोखा दिया, इसकी जांच होनी चाहिए'; बीजेपी सांसद ने पार्टी की सीट घटने पर उठाए सवाल

बीजेपी नेता ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में कम से कम 75 सीटें जीत रही थी, लेकिन अंत में इसकी आधी सीटें मिलीं। जिन सीटों पर बीजेपी हारी है। वहां, हार के कारणों की जांच होनी चाहिए।

Harnath Singh Yadav- India TV Hindi Image Source : ANI हरनाथ सिंह यादव

लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी को भारी नुकसान हुआ है। पार्टी की सीटें घटकर 240 हो गई हैं। वहीं, एनडीए गठबंधन 300 का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाया। कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार एनडीए गठबंधन 400 से ज्यादा सीटें जीतेगा। खुद बीजेपी नेताओं का दावा था कि उनकी पार्टी की अगुआई वाला गठबंधन 400 से ज्यादा सीटें जीतेगा। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ और अब बीजेपी की हार पर सांसद हरनाथ सिंह ने दुख जाहिर किया है।

भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा, "मैं उत्तर प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक हालात से खुद को अलग नहीं कर पा रहा हूं। मुझे दुख है, क्योंकि हमारी पार्टी को यूपी में कम से कम 75 सीटें मिलनी चाहिए थीं, हम कहां पीछे रह गए? हमारे पार्टी नेतृत्व को इस बारे में सोचने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गांव, कस्बे और शहरों में हर कोई जानता है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, खासकर उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए। भले ही हमें कम सीटें मिली हों, लेकिन लोग अभी भी उन पर भरोसा करते हैं और एनडीए सरकार बनाएगी। पार्टी नेतृत्व को इस बात पर चर्चा करने की जरूरत है कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में क्या गलत हुआ और हम क्यों हार गए। इस बात की जांच होनी चाहिए कि किसने पार्टी नेतृत्व को धोखा दिया और पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ अपनी भूमिका निभाई।"

यूपी में 33 सीट पर सिमटी बीजेपी

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी 33 सीट ही जीत पाई। राज्य की 80 सीटों में बीजेपी का लक्ष्य क्लीन स्वीप करने का था। हालांकि, नतीजे काफी हैरान करने वाले रहे। समाजवादी पार्टी 37 लोकसभा सीटें जीतकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी। कांग्रेस को 6 और रालोद को 2 सीटें मिलीं। 2 सीटें क्षेत्रीय दलों के खाते में गईं। हालांकि, बीजेपी 240 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी और एनडीए गठबंधन का लगातार तीसरी बार सत्ता में आना लगभग तय है।