प्रयागराज: शनिवार की देर रात यूपी के माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की सरेआम पुलिस की मौजूदगी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद यूपी में धारा 144 लागू कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस मौजूद है। अतीक और अशरफ की हत्या के बाद पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अतीक अशरफ की हत्या के समय मौजूद 17 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं इस हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक दूसरी बार साबरमती जेल से जब अतीक और बरेली जेल से अशरफ को लाने की खबर मीडिया में देखा तो तीनों हत्यारों ने तभी मर्डर का पूरा प्लान बना लिया था। प्रयागराज से पहले से मीडिया के काफिले के साथ-साथ तीनों ने अतीक और अशरफ के काफिले को फॉलो किया था। कोर्ट में पेशी से लेकर मेडिकल और जहां-जहां पुलिस जाती थी, गले मे प्रेस का आई कार्ड और माइक-कैमरा लेकर फॉलो कर रहे थे तीनों शूटर्स।
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अबतक की पूछताछ में पता चला है कि तीनों शूटर्स का मकसद था अतीक और अशरफ को मारकर अपना खौफ कायम करना। मर्डर की प्लानिंग में इन तीनो के अलावा कुछ और भी लोग शामिल हैं। पुलिस को तीनों शूटरों के बयानों में विरोधाभास मिला है। तीनों शूटर्स से लगातार पूछताछ की जा रही है।
सबसे बड़ी बात जो पता चली है वो है कि आरोपियों ने प्वाइंट ब्लैंक रेंज से अतीक और अशरफ को गोली मारी थी। गोली मारने के एक साथ बर्स्ट फायर हुआ इसलिए हत्या में आधुनिक हथियारों के इस्तेमाल की बात सामने आ रही है।
तीनों शूटर्स ये अत्याधुनिक हथियार कहां से लाए इसकी जांच जारी है।
टारगेट किलिंग की तरह मर्डर किया गया है।
अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। कहां-कहां और किस तरह के मामले दर्ज हैं इसकी डिटेल ली जा रही है
पूछताछ में आरोपी बता रहे हैं कि वो बड़ा माफिया बनना चाहते थे इसलिए इस वारदात को अंजाम दिया है।
आरोपियों ने बताया कि कब तक छोटे-मोटे शूटर बने रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है, इसलिए हत्याकांड को अंजाम दिया।
हालांकि पुलिस अभी पूरी तरह से इनके बयानों पर भरोसा नहीं कर रही, तीनों के बयानों में विरोधाभास है।
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