योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला, नोएडा मेट्रो के बोड़ाकी तक विस्तार को दी मंजूरी
एनएमआरसी की नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो को बोड़ाकी तक विस्तार देने की योजना को योगी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। अब इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।
नोएडा: नोएडा मेट्रो के ‘एक्वा लाइन’ कॉरिडोर का विस्तार अब डिपो स्टेशन से बोड़ाकी तक होगा। योगी कैबिनेट ने इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर ) को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा, कैबिनेट ने नोएडा के पास प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी के विकास के लिए ‘बेव्यू प्रोजेक्ट्स’ को काम सौंपने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है। बोड़ाकी में बहु मॉडल परिवहन केंद्र बनाया जा रहा है, जिसके तहत यहां अंतरराज्यीय बस अड्डा, रेल, मेट्रो की सुविधाएं विकसित होंगी। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार करीब 2.6 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड गलियारे पर दो स्टेशन-जुनपत और बोड़ाकी, होंगे और इस पर करीब 416 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
केंद्र सरकार को भेजा जाएगा
नोएडा मेट्रो रेल निगम (एनएमआरसी) के प्रबंध निदेशक लोकेश एम ने बताया कि बताया कि अब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को भारत सरकार को अनुमोदन हेतु भेजा जाएगा। वर्तमान में, नोएडा मेट्रो के एक्वा लाइन गलियारे पर नोएडा के सेक्टर- 51 मेट्रो और ग्रेटर नोएडा के डिपो स्टेशन के बीच (29.7 किलोमीटर) सेवाओं का संचालन किया जाता है। 5,503 करोड़ रुपये की लागत से बने इस गलियारे को जनवरी 2019 में यात्रियों के लिए खोला गया था।
एक हजार एकड़ में फिल्म सिटी का निर्माण
इसके अलावा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी शैलेन्द्र भाटिया ने बताया कि मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद स्थानीय प्राधिकरण को परियोजना के लिए कंपनी को काम सौंपने के संबंध में एक सरकारी आदेश प्राप्त हुआ है। भाटिया ने कहा, ‘‘ यीडा सरकार की सिफारिशों के अनुसार फिल्म सिटी के विकास के लिए कंपनी को आधिकारिक मंजूरी पत्र जारी करने की तैयारी कर रहा है।’’
फिल्म सिटी की परिकल्पना नोएडा के पास यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे यीडा के सेक्टर-21 में एक हजार एकड़ (पहले चरण में 230 एकड़) से अधिक भूमि पर की गई है। मंत्रिमंडल ने भूटानी इंफ्रा और जाने-माने फिल्म निर्माता बोनी कपूर द्वारा समर्थित ‘बेव्यू प्रोजेक्ट्स’ ने फिल्म सिटी के विकास के लिए सबसे अधिक बोली लगाते हुए राज्य सरकार को 18 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी की पेशकश की थी, जिसे 31 जनवरी को मंजूर कर लिया गया था। (इनपुट-भाषा)