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Hindi News उत्तर प्रदेश आश्रम में झूले पर बैठकर प्रवचन देता था भोले बाबा, हाथरस हादसे के बाद तस्वीर आई सामने

आश्रम में झूले पर बैठकर प्रवचन देता था भोले बाबा, हाथरस हादसे के बाद तस्वीर आई सामने

कथावाचक नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें वो आश्रम में झूले पर बैठा दिख रहा है। बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह है।

झूले पर बैठा भोले बाबा- India TV Hindi झूले पर बैठा भोले बाबा

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान हुए भयावह हादसे के बाद कथावाचक नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को लेकर कई खुलासे सामने आ चुके हैं। इस बीच, भोले बाबा की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें वो झूले पर बैठा दिख रहा है। बताया जा रहा है कि भोले बाबा आश्रम में झूले पर बैठकर प्रवचन देता था। हादसे के बाद ये भी खुलासा हुआ कि बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह है, जो पुलिस विभाग में कांस्टेबल रहा है। 1990 के आसपास उसने पुलिस की नौकरी छोड़ी थी।

बाबा का राजस्थान कनेक्शन

खुद को नारायण (भगवान) का अवतार बताने वाले भोले बाबा का राजस्थान कनेक्शन भी सामने आया है। भोले बाबा दौसा में पेपर लीक माफिया हर्षवर्धन के मकान में हर 4 महीने में ​दरबार लगाता था। 4 महीने पहले फरवरी 2024 में जब जेईएएन भर्ती परीक्षा- 2020 के पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन पटवारी को एसओजी ने पकड़ा, तो नारायण हरि का ये दरबार सुर्खियों में आया। सामने आया कि जहां बाबा नारायण हरि ने अपना अस्थाई डेरा बना रखा था, वो मकान हर्षवर्धन का ही था। 

दरबार की आड़ में पेपर लीक का रैकेट 

इसी दरबार की आड़ में हर्षवर्धन पेपर लीक का रैकेट चलाता था। हर्षवर्धन का मकान जयपुर-आगरा हाईवे से महज 800 मीटर की दूरी पर है। बाबा ने ये मकान किराए पर लेकर इसका पूरा सेटअप आश्रम की तरह कर रखा था। जब यहां दरबार लगता है तो एक बोर्ड लगता है, जिस पर लिखा रहता है कि नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय-जयकार हो। 

आश्रम में नहीं मिला बाबा

बाबा सूरज पाल उर्फ नारायण हरि साकार का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। साथ ही हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी और बाबा का सेवादार देवप्रकाश मधुकर भी फरार है। यूपी पुलिस की पांच टीमें आरोपियों की तलाश कर रही है। बाबा की तलाश में यूपी पुलिस और SOG की टीम आधी रात को मैनपुरी आश्रम में पहुंची। करीब 50 मिनट तक आश्रम में जांच हुई। आश्रम में पुलिस को ना तो बाबा मिला और ना ही वो सेवादार, जिनका नाम FIR में लिखा है।

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