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Hindi News उत्तर प्रदेश 43 साल बाद बेहमई कांड में आया फैसला, 26 लोगों को लाइन में खड़ा कर गोलियों से भून द‍िया गया था; फूलन देवी सहित 36 थे आरोपी

43 साल बाद बेहमई कांड में आया फैसला, 26 लोगों को लाइन में खड़ा कर गोलियों से भून द‍िया गया था; फूलन देवी सहित 36 थे आरोपी

उत्तर प्रदेश की धरती को रक्त रंजित कर देनेवाले बेहमई नरसंहार मामले में कोर्ट ने 43 साल बाद फैसला सुनाया। डकैत फूलन देवी ने अपने साथियों के साथ मिलकर बेहमई में एक ही जाति के 20 लोगों को मौत की नींद सुला दिया गया था।

कानपुर देहात...- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कानपुर देहात बहुचर्चित बेहमई कांड पर 43 साल बाद सुनाया गया फैसला

कानपुर देहात के बहुचर्चित बेहमई कांड मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट में चल रही थी जिसमें 43 साल के बाद फैसला आया है। कोर्ट ने आरोपी श्याम बाबू को उम्रकैद की सजा सुनाई है साथ ही अर्थ दंड भी लगाया है, तो वहीं एक आरोपी विश्वनाथ को कोर्ट ने बरी किया है। कोर्ट के फैसले के बाद दोष मुक्त साबित हुए विश्वनाथ ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की।  डीजीसी क्रिमिनल राजू पोरवाल ने 43 साल बाद आए इस फैसले पर खुशी जाहिर की है।  स्पेशल जज एंटी डकैती कोर्ट द्वारा सुनाए गए बहुचर्चित बेहमई कांड के फैसले पर वरिष्ठ अधिवक्ता ने जहां एक ओर खुशी जाहिर की है वहीं दूसरी ओर 43 साल बाद आए इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

14 फरवरी 1981 को हुआ था सामूहिक नरसंहार

उत्तर प्रदेश की धरती को रक्त रंजित कर देनेवाले बेहमई नरसंहार मामले में अदालत ने 43 साल बाद फैसला सुनाया। बेहमई में एक ही जाति के 20 लोगों को मौत की नींद सुला दिया गया था। दरअसल, कानपुर देहात में 14 फरवरी 1981 को जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में डकैत फूलन देवी ने अपने साथियों के साथ मिलकर लाइन से खड़ा करके 26 लोगों को गोलियों से भून दिया था, जिसमें 20 की जान चली गई थी और 6 लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद देश व विदेशी मीडिया ने भी जिले में डेरा डाला था। जब सारा गांव कांप रहा था तो राजाराम मुकदमा लिखाने के लिए आगे आए थे। उन्होंने फूलन देवी समेत 14 को नामजद कराते हुए 36 डकैतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन पूरे देश को दहला देने वाला बेहमई कांड लचर पैरवी और कानूनी दांव पेंच में ऐसा उलझा कि 43 सालों में भी पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया था।

न्याय पाने की आस में हर तारीख पर कोर्ट आते थे राजाराम

बहुचर्चित मुकदमे में नामजद अधिकांश डैकतों के साथ ही कई गवाहों की मौत हो चुकी है। वादी राजाराम न्याय पाने की आस में हर तारीख पर आते थे और सुनवाई के लिए जिला न्यायालय पहुंचते थे। लेकिन न्याय की आस लिए वादी राजाराम की अब मौत हो चुकी है। स्पेशल जज एंटी डकैती कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए श्याम बाबू को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड की सजा सुनाई है। एक आरोपी विश्वनाथ को दोष मुक्त करते हुए बरी किया है। दोष मुक्त होने के बाद विश्वनाथ ने कोर्ट का फैसला का स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की है।

(रिपोर्ट- दीपेंद्र सिंह)

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