उत्तर प्रदेश के बलिया से एक वीडियो सामने आया है। यह वीडियो बैरिया थाना का बताया जा रहा है। हम इस वीडियो की पुष्टि नहीं करते पर वीडियो में एक पुलिसकर्मी को दूसरे व्यक्ति के साथ बहस करते देखा जा सकता है। पुलिसकर्मी के सामने टेबल पर दो व्यक्ति बैठे हैं, जिनके साथ उसकी बहस हो रही है। कई लोग तीनों को घेककर खड़े हैं। इनमें से कुछ लोग बहस का वीडियो बनाते भी नजर आ रहे हैं।
वीडियो में नजर आ रहे पुलिसकर्मी का नाम रामायण सिंह बताया जा रहा है। वह बैरिया थाने के प्रभारी निरीक्षक हैं। वहीं, थानेदार साहब की बहस जिससे हो रही है, वो क्षेत्र के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह हैं। रामायण सिंह है ने थाने से एक बीजेपी कार्यकर्ता को भगा दिया था, जिसका विरोध करने के लिए पूर्व विधायक थाने पहुंचे। यहीं, उनकी बहस दरोगा से हो गई।
क्या है मामला?
बीजेपी कार्यकर्ता और पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री बैरिया थाने में किसी काम से पहुंचे थे, लेकिन दरोगा ने उनका काम करने की बजाय उन्हें थाने से भगा दिया। इससे नाराज मंत्री जी पूर्व विधायक के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचे। पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह ने दरोगा को फोन किया तो फोन में ही दोनों की बहस हो गई। इसके बाद पूर्व विधायक और थानेदार की मुलाकात हुई। इस दौरान दोबारा दोनों के बीच बहस हो गई।
पूर्व विधायक पर गाली-गलौज का आरोप लगाया
बहस के दौरान पुलिसकर्मी ने आरोप लगाए हैं कि बीजेपी कार्यकर्ता किसी अपराधी की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व विधायक पर गाली-गलौज के आरोप लगाए हैं। वीडियो में दरोगा जी यह दावा करते दिख रहे हैं कि पूर्व विधायक ने उनके साथ फोन पर गाली-गलौज की है, उनके पास इसकी रिकॉर्डिंग भी है। हालांकि, पूर्व विधायक ने बहस के दौरान ही गाली देने की बात से साफ इंकार किया है। बहस के दौरान पूर्व विधायक कहते हैं कि अगर आप हमारे कार्यकर्ता को थाने से भगाएंगे तो हम भी आपको थाने से भगा देंगे। इस पर पुलिसकर्मी का जवाब आता है कि भगा दीजिए, लेकिन हम यहां किसी की गाली सुनने के लिए नहीं बैठे हैं।
(बलिया से अमित कुमार की रिपोर्ट)