सपा नेता आजम खान और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आजम खान की विधायकी जाने के बाद अब उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान की भी विधायकी चली गई है। विधानसभा ने अब्दुल्ला की सीट रिक्त घोषित कर दी है। अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार विधानसभा सीट विधायक हैं। हाल ही में मुरादाबाद की छजलैट थाने में चल रहे एक मामले में अब्दुल्ला आजम को MP-MLA कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। इसके बाद बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने प्रमुख सचिव विधानसभा को पत्र लिखकर स्वार सीट खाली घोषित करने की मांग की थी।
हाईवे पर जाम करने के मामले में सजा
अब्दुल्ला आजम को 15 साल पहले हरिद्वार हाईवे पर जाम करने के मामले में दो साल की सजा हुई है।अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2022 में विधानसभा चुनाव जीते थे। तीन साल पहले भी अब्दुल्ला आजम की विधायकी गई थी। तब अब्दुल्ला की विधायकी उम्र के फर्जी प्रमाणपत्र मामले में गई थी। अब्दुल्ला आजम के पिता आजम खान की विधायकी पहले ही खत्म हो चुकी है। हेट स्पीच मामले में आजम खान को तीन साल की सजा हुई थी।
9 आरोपियों में से 7 को कोर्ट ने किया बरी
गौरतलब है कि मुरादाबाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने हरिद्वार हाईवे पर जाम मामले में 9 आरोपियों में से 7 को बरी कर दिया, जबकि आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया। मामले में अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, पूर्व सपा विधायक हाजी इकराम कुरैशी (अब कांग्रेस में), बिजनौर के सपा नेता मनोज पारस, सपा नेता डीपी यादव, सपा नेता राजेश यादव और सपा नेता रामकुंवर प्रजापति आरोपी थे। कोर्ट ने इन्हें दोषमुक्त कर दिया है।
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