अयोध्या (उप्र): राम नगरी अयोध्या में एक मंदिर के पुजारी की आत्महत्या की सनसनीखेज घटना सामने आई है। इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि पुजारी आत्महत्या से पहले फेसबुल लाइव आया था जिसमें उसने पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। पुजारी ने पुलिस चौकी के दरोगा और एक सिपाही का नाम लेकर उनके ऊपर धन उगाही और उत्पीड़न का आरोप लगाया। हालांकि पुलिस ने साधु को नशेड़ी और आरोपों को झूठा बताते हुए दावा किया कि ड्रग्स के नशे में पुजारी आत्महत्या की।
घटना के बाद इस पूरे मामले पर महकमे के ही एक अधिकारी और कर्मचारी का नाम सामने आने के बाद पुलिस अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। वहीं, मृत पुजारी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
सुसाइड से पहले किया था फेसबुक लाइव
घटना अयोध्या कोतवाली क्षेत्र स्थित रायगंज इलाके के नरसिंह मंदिर की है। पुजारी की पहचान 28 वर्षीय राम शंकर दास के तौर पर की गई है। सुसाइड करने से कुछ देर पहले उन्होंने फेसबुक लाइव किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर रही है, उनसे 2 लाख रुपये की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि मैंने कल रात से खाना नहीं खाया है। मैं 2 लाख रुपये कहां से लाऊंगा। पहले मेरे गुरु को गायब कर दिया गया और उसका इल्जाम मेरे ऊपर लगाकर मुझे फंसा दिया गया।
'योगी जी प्रधानमंत्री बनें'
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने कुछ दिन पहले उसी मंदिर के एक बुजुर्ग महंत रामशरण दास के गायब होने के मामले में दास के खिलाफ मामला दर्ज किया था। हालांकि सुसाइड करने से पहले पुजारी ने कहा कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वीडियो के अंत में पुजारी शंकर दास ने कहा कि योगी जी अयोध्या का बहुत सुंदर विकास कर रहे हैं। वे प्रधानमंत्री बनें और इसके बाद ही पुजारी ने अपनी जान दे दी। सोमवार दोपहर राम शंकर दास का शव मंदिर में उनके कमरे में फंदे से लटका मिला।
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अयोध्या कोतवाली के SHO मनोज शर्मा ने कहा कि ''पुजारी राम शंकर दास नशे के आदी थे, ड्रग्स के नशे में उन्होंने आत्महत्या कर ली।'' एसएचओ ने दावा किया कि उन्होंने (पुजारी) पुलिस पर जो आरोप लगाए हैं, वे पूरी तरह से झूठे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।