अयोध्या: देशभर में दिवाली को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है। लोग हिंदुओं के सबसे प्रमुख त्यौहारों में से एक दिवाली को सेलीब्रेट करने की तैयारी में जुट गए हैं। अयोध्या में आठवें दीपोत्सव के तहत सरयू नदी के तट पर 28 लाख दीपक जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारियों के बीच रामलला के मंदिर में इस बार एक विशेष तरह के दीपक जलाने की योजना है।
क्या है पूरा मामला?
अयोध्या में विशेष दिवाली मनाने की तैयारियां चल रही हैं। सरयू के घाटों पर आगामी 30 अक्टूबर को भव्य दीपोत्सव होने वाला है, जिसमें 28 लाख दीयों को सजाने के लिये 30 हजार से ज्यादा स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है।
इन दीपकों की खासियत ये है कि इससे मंदिर में दाग धब्बे नहीं लगेंगे और ना ही कालिख होगी। इसके अलावा इनसे देर तक रोशनी भी होगी। इस दौरान मंदिर को आकर्षक फूलों से भी सजाया जाएगा। ये जानकारी राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने दी है।
चूंकि मंदिर काफी बड़ा है तो अलग-अलग हिस्सों को सजाने के लिए परिसर को कई खंडों और उपखंडों में विभाजित किया गया है। बिहार कैडर के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आशु शुक्ला को मंदिर के हर कोने को व्यवस्थित रूप से रोशन करने, सभी प्रवेश द्वारों को तोरण से सजाने, साफ-सफाई और सजावट की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पर्यावरण संरक्षण का भी होगा संदेश
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ये कोशिश कर रहा है कि इस दिवाली वह विशेष आयोजन तो करे ही, साथ में पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे। इसके लिए सरयू के 55 घाटों पर स्वयंसेवकों की भारी तैनाती की गई है। इस पूरी व्यवस्था को देखने के लिए दो हजार से ज्यादा पर्यवेक्षक, समन्वयक, घाट प्रभारी, दीप गणना व अन्य सदस्य हैं।
कुल 30 हजार से अधिक स्वयंसेवक घाटों पर 28 लाख दीपों को सजाने के काम में लगे हैं। ये दीपोत्सव आकर्षण का केंद्र होगा। (इनपुट: भाषा)