प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद के 44 साल के आतंक का अंत हो चुका है। कल रात तीन शूटरों ने अतीक और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी। इस सनसनीखेज़ डबल मर्डर के बाद प्रयागराज पुलिस सवालों के घेरे में हैं। विपक्ष योगी सरकार के लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठा रहा है। लेकिन इस बीच सवाल ये है कि आख़िर अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या किसने करवाई। आखिर अतीक अहमद से किसको खतरा था? इन सवालों का जवाब अब यूपी पुलिस खंगाल रही है।
अतीक की जुबान खुलने से किसे था खतरा?
बताया जा रहा है कि अतीक अहमद और अशरफ 4 दिन की पुलिस रिमांड में थे। धूमनगंज थाने में पूछताछ के दौरान दोनों कई राज़ उगल चुके थें। सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस की पूछताछ के दौरान अतीक और अशरफ किसी बड़े नाम का जिक्र करने वाले थे। क्या इस हत्याकांड के पीछे अतीक के उन बिजनेस पार्टनर या सफेदपोश के हाथ है जिनका माफिया ब्रदर्स पुलिस के सामने नाम ले सकते थे।
5 लाख की पिस्टल और होटल में स्टे के पैसे कहां से आए?
अतीक और अशरफ के राज उगलने से किसके लिए खतरा बढ़ रहा था, जो तीन-तीन शूटर्स भेजकर दोनों का गेम ओवर करवा दिया। यूपी पुलिस अब इस एंगल से भी जांच कर रही है कि इस पूरे डबल मर्डर को किसने प्लान किया। गौरकरने वाली बात ये भी है कि जिस पिस्टल से अतीक और अशरफ को गोली मारी गई, वह टर्की मेड पिस्टल है जो बॉर्डर पार से अवैध तरीके से भारत आती है। ये जीगाना पिस्टल करीब 4 से 5 लाख रुपये की आती है। इतना ही नहीं तीनों शूटर हत्या से पहले प्रयागराज के होटल में भी रुके थे। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि तीनों ही शूटर छोटे से गांव और बेहद साधारण से घरों से आते हैं, तो ऐसे में इस हत्याकांड के लिए इतनी महंगी बंदूक खरीदने और होटल में रुकने के लिए पैसे कहां से आए और किसने इस मर्डर के लिए फंड भेजे।
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