खून का बदला खून! अतीक अहमद और उमेश पाल की मर्डर स्क्रिप्ट क्यों लगती है बिल्कुल सेम
प्रयागराज के धूमनगंज में हुए उमेश पाल हत्याकांड ने अतीक अहमद एंड फैमिली का क्लाइमैक्स लिखना शुरू कर दिया था। लेकिन कल रात हुई अतीक की हत्या और उमेश पाल की हत्या में कई फैक्टर एक जैसे ही लगते हैं।
एक था अतीक अहमद... जिसके नाम से प्रयागराज में दहशत और माफिगिरी का वो दौर चला, जो लोगों के जहन से शायद ही कभी जाए। एक दौर ये है कि अतीक अहमद और उसके भाई की सरेआम, भारी पुलिस बल के बीच और मीडिया के कैमरों पर बेखौफ हत्या कर दी गई। प्रयागराज के धूमनगंज में हुए उमेश पाल हत्याकांड ने अतीक अहमद एंड फैमिली का क्लाइमैक्स लिखना शुरू कर दिया था। उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ, बेटा असद मारे जा चुके हैं और पत्नी शाहिस्ता अभी फरार है। लेकिन कल रात हुई अतीक की हत्या और उमेश पाल की हत्या में कई फैक्टर एक जैसे ही लगते हैं।
दोनों मर्डर केस में 3-3 शूटर
24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज में अतीक और अशरफ के इशारे पर एक शूटआउट हुआ था। बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल की जब हत्या हुई तो उनपर तीन लोगों ने मिलकर गोलियां चलाईं थीं। उमेश पाल पर अतीक के बेटे असद अहमद, उसके करीबी गुलाम और एक अन्य शूटर विजय कुमार उर्फ उस्मान चौधरी ने गोलियां चलाई थीं। वहीं अतीक और अशरफ पर भी तीन शूटर्स ने मिलकर गोलिया चलाईं। अतीक-अशरफ की हत्या करने वाला शूटर लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, अरुण मौर्य हमीरपुर का और तीसरा शूटर सनी कासगंज जिले का रहने वाला है।
पुलिस वालों के सामने हुए दोनों हत्याकांड
अतीक अहमद और अशरफ के गुर्गों ने उमेश पाल को जब मारा तो उन्हें इसकी बात की जरा भी फिक्र नहीं थी कि उमेश की सुरक्षा में दो यूपी पुलिस के सिपाही भी लगे हुए हैं। लेकिन अतीक के शूटर्स ने पुलिस से बेखौफ होकर उमेश पाल के ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। इस घटना में दोनों पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। ठीक इसी तरह जब अतीक अहमद और अशरफ के ऊपर शूटर्स ने गोलियां बरसाईं उस वक्त दोनो माफिया भाई पुलिस भारी सुरक्षा घेरे में थे। लेकिन बाबजूद इसके भी तीनों शूटर्स ने अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतार दिया। इस हत्याकांड में भी एक पुलिसर्मी लहुलुहान हुआ है जिसकरा नाम मान सिंह है।
कैमरे के सामने हुए दोनो शूटआउट
उमेश पाल की हत्या के 51वें दिन प्रयागराज में एक और शूटआउट हुआ। इस शूटआउट में 24 फरवरी के शूटआउट के दोनों मास्टमाइंड अतीक अहमद की हत्या कर दी गई। माना ये जा रहा है कि अतीक और अशरफ को मारकर उमेश पाल की हत्या का बदला लिया गया है। इन दोनों शूटआउट में तीसरा कॉमन फैक्टर कैमरा है। 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज में हुआ शूटआउट ऐसी जगह हुआ था जहां कई सारे सीसीटीवी कैमरे लगे थे। इन कैमरों में पूरा शूटआउट एक दम क्लियर रिकॉर्ड हुआ। ठीक इसी तरह कल 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के बाहर का शूटआउट भी मीडिया के दर्जनों कैमरों के सामने Live हुआ। अतीक और अशरफ की हत्या पूरे देश ने लाइव देखा।
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