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Hindi News उत्तर प्रदेश यूपी उपचुनाव में किसकी मदद करेंगे असदुद्दीन ओवैसी, खुद कर दिया खुलासा

यूपी उपचुनाव में किसकी मदद करेंगे असदुद्दीन ओवैसी, खुद कर दिया खुलासा

उत्तर प्रदेश उपचुनावों पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम अपनी बहन डॉ. पल्लवी पटेल (अपना दल, कमेरावादी) के साथ मिलकर ये चुनाव लड़ेंगे। हमारे उत्तर प्रदेश प्रमुख ने मुझसे कहा है कि हम दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

Asaduddin Owaisi- India TV Hindi Image Source : PTI असदुद्दीन ओवैसी

उत्तर प्रदेश में उपुचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने साफ कर दिया है कि वह किसका साथ देंगे। लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी ने राज्य में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। ऐसे में यहां हो रहे उपचुनाव भी सत्ताधारी बीजेपी और विपक्ष में बैठे दलों के लिए बेहद अहम हो गए हैं। इसी वजह से सभी दल यहां जीत हासिल कर यह साबित करना चाहेंगे कि जनता उनके साथ है। ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का रुख भी बेहद जरूरी हो गया है।

उत्तर प्रदेश उपचुनावों पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "हम अपनी बहन डॉ. पल्लवी पटेल (अपना दल, कमेरावादी) के साथ मिलकर ये चुनाव लड़ेंगे। हमारे उत्तर प्रदेश प्रमुख ने मुझसे कहा है कि हम दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। बाकी सीटों पर पल्लवी पटेल फैसला करेंगी। हम ये उपचुनाव मिलकर लड़ेंगे।"

उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की अधिसूचना जारी

निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनावों के लिए शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी। आयोग ने राज्य में रिक्त 10 विधानसभा सीटों में नौ पर उपचुनाव का ऐलान मंगलवार को किया था। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई, क्योंकि पहले सीट जीतने वाले उम्मीदवार के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक याचिका लंबित है। जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें कटेहरी, करहल, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर, सीसामऊ, गाजियाबाद, मझवां और खैर शामिल हैं। आयोग के अनुसार नामांकन दाखिल करने की शुरुआत 18 अक्टूबर से हो गयी और अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है। नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्टूबर को होगी। नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है। मतदान 13 नवंबर को होगा और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। 

अखिलेश और योगी के बीच असली मुकाबला

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत है। ऐसे में उपचुनाव के नतीजे राज्य सरकार पर कोई असर नहीं डालेंगे। हालांकि, ये उपचुनाव अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच नाक की लड़ाई हैं। दोनों नेता अपने उम्मीदवारों को जीत दिलाकर यह साबित करना चाहेंगे कि वह ज्यादा ताकतवर हैं और आगामी चुनाव में उनकी जीत होगी। ओवैसी भले ही दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उनके लिए यूपी की राजनीति कभी आसान नहीं रही है।