चुनाव में बसपा से सावधान, अंदर ही अंदर बीजेपी से मिली हुई है- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के लोग नफरत फैलाने, हिन्दू-मुस्लिम और समाज को लड़ाने की राजनीति कर रहे हैं। इनके पास जनता को बताने के लिए खुद का कोई काम नहीं है।
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव 2023 के पहले फेज के लिए वोटिंग में सिर्फ दो दिन बचे हैं। उससे पहले समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाज पार्टी (BSP) से सावधान रहने को कहा है। अखिलेश यादव ने बीजेपी और बसपा पर निशाना साधते हुए ये बता कही। उन्होंने कहा कि बसपा अंदर ही अंदर बीजेपी से मिली हुई है। सहारनपुर में मेयर प्रत्याशी नूर हसन मलिक के समर्थन में रोड-शो के बाद आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि सपा बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और डॉक्टर लोहिया के विचारों और सिद्धांतों पर चलते हुए सभी लोगों को साथ लेकर चल रही है।
'स्मार्ट सिटी के नाम पर धोखा दिया'
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के लोग नफरत फैलाने, हिन्दू-मुस्लिम और समाज को लड़ाने की राजनीति कर रहे हैं। इनके पास जनता को बताने के लिए खुद का कोई काम नहीं है। बीजेपी सरकार ने नगरों में अपने कार्यकाल के दौरान हुए विकास कार्यों को रोक दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने शहरों में जन सुविधाएं तक नहीं दे सकी। स्मार्ट सिटी के नाम पर धोखा दिया है।
स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं- अखिलेश
उन्होंने कहहा, "शहरों की स्मार्ट सिटी में कोई जन सुविधा नहीं है। स्मार्ट सिटी के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार और लूट हुई है। शहरों में कूड़ा, गंदगी है, नालियां और नाले भरे पड़े हैं। स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। मेडिकल कॉलेजों में सुविधाएं नहीं है। सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट नहीं दे रही है।" अखिलेश ने कहा कि यह चुनाव शहरी क्षेत्रों में साफ सफाई और जनता की सुविधाओं के लिए है, लेकिन मुख्यमंत्री जी तमंचे की बात करते हैं।
अन्याय-अत्याचार चरम पर है- सपा मुखिया
सपा मुखिया ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री से सफाई, ट्रैफिक, जनसमस्याओं, बेरोजगारी, महंगाई पर सवाल करो तो जवाब तमंचा मिलता है। उनसे से क्या उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है। प्रदेश में हर दिन महिलाओं और बेटियों के साथ घटनाएं हो रही हैं। व्यापारियों का उत्पीड़न हो रहा है। अन्याय, अत्याचार चरम पर है। मुख्यमंत्री दूसरों को माफिया बताते हैं, अगर वे स्वयं के मुकदमे वापस न लेते तो उनकी चार्टशीट बहुत लंबी होती। उन पर तमाम तरह के गंभीर मुकदमे दर्ज थे।