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Hindi News उत्तर प्रदेश सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव का पलटवार, बोले- योगी होकर DNA की बात नहीं करनी चाहिए

सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव का पलटवार, बोले- योगी होकर DNA की बात नहीं करनी चाहिए

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सीएम योगी के एक बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि योगी होकर भगवा कपड़ा पहनने के बाद डीएनए की बात नहीं करनी चाहिए। उन्हें भी अपने डीएनए की जांच करानी चाहिए।

Akhilesh Yadav retort on CM Yogi ADITYANATH statement said being a Yogi one should not talk about DN- India TV Hindi Image Source : ANI सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव का पलटवार

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर कहा, "मुझे नहीं पता कि मुख्यमंत्री कितना साइंस जानते हैं, कितनी बायलॉजी पढ़ी है, मैं उनसे एक बार निवेदन करना चाहता हूं कि बार-बार जो वे DNA की बात कर रहे हैं, DNA की बात न करें। अगर वे DNA की बात करते हैं तो मैं और हम सब लोग अपना DNA जांच कराना चाहते हैं और चाहते हैं कि मुख्यमंत्री भी अपना DNA जांच कराएं। मेरा निवेदन है कि मुख्यमंत्री को DNA की बात शोभा नहीं देती। एक संत, योगी होकर भगवा पहनने के बाद उन्हें इस तरह DNA की बात नहीं करनी चाहिए।"

सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव का पलटवार

कानपुर पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा कि राहुल गांधी को संभल नहीं जाने दिया गया। और जब समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल झूठे मामलों में जेल में बंद पीड़ित लोगों का दुख-दर्द जानने गया तो वहां के जेलर और अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया। जब सरकार अन्याय करेगी तो हमारी मुश्किल ये होगी कि सदन चलने दें या नहीं। सरकार को सदन की कार्यवाही चलने देनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया दी है।

धर्मेंद्र यादव बोले- योगी जी राम के नहीं हैं

समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर कहा, "अयोध्या की जनता ने बता दिया है कि योगी जी राम के नहीं हैं। इस चुनाव के परिणाम में अयोध्या की जनता, भगवान राम का संदेश है कि योगी जी राम के नहीं हैं। उनसे पूछिए कि लखनऊ में जय प्रकाश नारायण के नाम पर जो इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बन रहा है, उसे क्यों नहीं बनने दिया गया। 8 साल में वह काम पूरा नहीं हुआ। जिन लोगों ने जय प्रकाश नारायण की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर लोग माल्यार्पण न कर सकें, इसके लिए पूरी फोर्स लगाने वाले लोग समाजवादी महापुरुषों के बारे में कब से बात करने लगे।